17 अक्टूबर 2021
azaadbharat.org
बांग्लादेश में मंदिरों और हिंदू अल्पसंख्यकों पर क्रूर अत्याचार लगातार जारी है। इसकी वजह से वहाँ का अल्पसंख्यक समुदाय बेहद डरा हुआ है। बांग्लादेश में हिंदुओं के मानवाधिकारों को लेकर मुखर संस्था ‘बांग्लादेश हिंदू यूनिटी काउंसिल’ (बीएचयूसी) की रिपोर्ट के अनुसार, ईशनिंदा के झूठे आरोपों को लेकर हिंदू समुदाय के खिलाफ चल रही हिंसा के बीच इस्लामी कट्टरपंथियों ने देश के चटगाँव डिवीजन के फेनी जिले में एक बार फिर से अल्पसंख्यकों पर हमला किया है।
बीएचयूसी ने शनिवार (16 अक्टूबर, 2021) रात एक ट्वीट में कहा, ”नोआखली के बाद इस बार फेनी में। फेनी की स्थिति बहुत तनावपूर्ण है, तीन-तरफा झड़पें हुईं, मंदिर पर हमले, कई घायल।”
बांग्लादेश हिंदू यूनिटी काउंसिल ने 14 सेकंड का एक वीडियो क्लिप भी साझा किया है। इसमें कट्टरपंथी इस्लामवादियों को सड़कों पर तबाही मचाते हुए देखा जा सकता है। लाठियों से लैस उन्मादी भीड़ बड़ी संख्या में इकट्ठा हो गई और फिर फेनी जिले में हिंदूओं और हिंदू मंदिरों पर एक साथ हमला किया। इसमें काले रंग के कपड़े पहने और सफेद रंग की टोपी लगाए शख्स हाथों में लाठी लिए लोगों को मारने के लिए उनके पीछे भागते हुए दिखाई दे रहा है।
कट्टरपंथी इस्लामवादियों ने फेनी जिले में फैलाया आतंक
BDNews24 ने बताया कि कट्टरपंथी इस्लामवादियों ने फेनी जिले में हिंदू समुदाय पर हमला किया है। यह हमला इस्लामी कट्टरपंथियों ने बांग्लादेश के चटगाँव डिवीजन के चाँदपुर, कुमिला और नोआखली जिलों में दुर्गा पंडालों और हिंदू मूर्तियों की तोड़फोड़ को लेकर प्रदर्शन कर रहे हिंदूओं के खिलाफ किया है। शनिवार को शाम 4:30 बजे से 11:30 बजे के बीच किए गए हमले के दौरान, मंदिरों को लूट लिया गया और तोड़फोड़ की गई।
कथित तौर पर बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद के अध्यक्ष, शुकदेब नाथ तपन पर जोयकाली मंदिर के पास इस्लामी भीड़ द्वारा हमला किया गया था। हिंदू समुदाय उक्त मंदिर से पुराने ढाका-चटगाँव हाईवे के ट्रंक रोड तक मार्च निकालने की तैयारी कर रहा था। ट्रंक रोड बारा मस्जिद के पास जमा हुए इस्लामवादियों ने हिंदुओं पर लाठियों और ईंटों से हमला किया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने फेनी शहर में एक बड़ी टीम तैनात की। उन्होंने अनियंत्रित भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आँसू गैस के गोले भी दागे।
प्रभारी अधिकारी (फेनी मॉडल पुलिस स्टेशन) निजामउद्दीन के अनुसार, झड़पों के दौरान 40 से अधिक लोग घायल हो गए। इसके बाद उन्हें फेनी जनरल अस्पताल ले जाया गया। शुकदेब के मुताबिक, जिला प्रशासन ने बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीएफ) और रैपिड एक्शन बटालियन (आरएबी) को भेजने में समय लिया। हमलावरों ने कालीपाल में एक यात्री वाहन को आग लगा दी, क्रूड बम फेंके, एक दमकल की गाड़ी में तोड़फोड़ की और जोयकाली, जगन्नाथबाड़ी, कालीबाड़ी मंदिर और गाजीगंज आश्रम जैसे हिंदू मंदिरों पर हमला किया।
बांग्लादेश के फेनी जिले में स्थिति भयावह: इस्लामी भीड़ का एक साथ कई मंदिरों पर हमला, दर्जनों हिंदू घायल#Bangladesh #HindusUnderAttackhttps://t.co/rwcUK66m2j
— ऑपइंडिया (@OpIndia_in) October 17, 2021
बांग्लादेश माइनॉरिटी वॉच के अध्यक्ष अधिवक्ता श्री रवींद्र घोष ने कहा कि बांग्लादेश की स्वतंत्रता के लिए हिन्दू लड़े । उसके बदले में उन्हें क्या मिला? यह प्रश्न उपस्थित हो रहा है । बांग्लादेश जब से स्वतंत्र हुआ है, तब से आज तक वहां 15 लाख से अधिक हिंदुओं की हत्या की गई है । स्वतंत्रता के पश्चात वहां के शासन ने संविधान में इस्लाम धर्मानुसार आचरण करने की धारा घुसाई । तब से निरंतर वहां के हिंदुओं की धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार नकारा जा रहा है। वहां के हिंदुओं को किसी प्रकार का न्याय अथवा अधिकार नहीं मिलता, अपितु हिंदुओं की भूमि बलपूर्वक दबा ली गई । हिन्दू लड़कियों का अपहरण कर अत्याचार किए जाते हैं । अभी तक बांग्लादेश के 3 सहस्र 336 मंदिर तोड़े गए हैं । ऐसे विविध प्रकार से हिंदुओं पर अत्याचार और अन्याय किया जाता है ।
भारत में अल्पसंख्यक समुदाय को एक थप्पड़ भी लगा दे तो तो मीडिया दिन-रात खबरें दिखाती रहती है और सेक्युलर लोग उनके बचाव में टूट पड़ते है, लेकिन बांग्लादेश में हररोज इतना हिन्दुओं का पलायन होना व उनके ऊपर इतना अत्याचार होने पर मीडिया और सेक्युलर लोगों ने चुप्पी क्यों साधी है ???
भारत सरकार को पाकिस्तान व बांग्लादेश के हिंदुओं की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाना चाहिए।
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