पादरी को ही आशाराम बापू ने बना दिया हिंदू, अब सनातन का प्रचार कर रहे हैं…

पादरी को ही आशाराम बापू ने बना दिया हिंदू, अब सनातन का प्रचार कर रहे हैं…

20 जुलाई 2020
azaadbharat.org

जहाँ जहाँ ईसाई मिशनरियां धर्मान्तरण करवा रही थीं, खास करके आदिवासी क्षेत्रों में वहाँ-वहाँ हिंदू संत आशाराम बापू ने जाकर लोगों को सनातन हिंदू धर्म की महिमा समझाई, उनको मकान, जीवन जरूरियात सामग्री, नकद राशि देना शुरू कर दिया और ईसाई मिशनरियों के षड़यंत्र से अवगत करवाया जिसके कारण लाखों हिंदुओं ने घरवापसी की और जो धर्मपरिवर्तन करनेवाले थे वे रुक गए। करोड़ों अरबों रुपये लगाकर ईसाई मिशनरियों के NGO’s कार्य कर रहे थे उनके पैसे बर्बाद होने लगे क्योंकि आदिवासी समाज अपने हिंदू धर्म की महिमा समझ चुके थे इसलिए वे धर्मपरिवर्तन नहीं कर रहे थे। यहाँ तक कि धर्मपरिवर्तन करानेवाले पादरी ने भी आशारामजी बापू से हिंदू धर्म की महिमा सुनकर हिंदू धर्म अपना लिया।


ऐसे ही एक इंडोनेशिया के पादरी रॉबर्ट सोलोमन थे। वो चर्च के अंतराष्ट्रीय षड्यंत्र के तहत धर्मपरिवर्तन करवाने का कार्य कर रहे थे लेकिन उन्होंने झारखंड में बापू आशारामजी का प्रवचन सुना और बाद में उन्होंने हिंदू धर्म का अध्ययन किया फिर उनको हिंदू धर्म की महिमा समझ में आई और उन्होंने बापू आशारामजी के कार्यक्रम में जाकर हिंदू धर्म अपना लिया और पादरी रॉबर्ट सोलोमन से बन गए डॉ. सुमन कुमार और आज वे खुद धर्मान्तरण रोकने का कार्य कर रहे हैं और देश की रक्षा के लिए अपने प्राण देने को भी तैयार हुए हैं।

डॉ. सुमन ने क्या कहा अपने वक्तव्य में?

डॉ सुमन कुमार ने कहा कि मेरा पूर्व नाम रॉबर्ट सोलोमन था, वर्तमान नाम सुमन कुमार है। मैं मूल रूप से इंडोनेशिया (जकार्ता) का रहनेवाला था। पढ़ाई ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी लंदन से करने के बाद 1987 तक चर्च के अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र के तहत मैं काम कर रहा था। देश एवं विदेशों में मिशनरीज के कार्य में संलग्न था। भारतीय परंपरा, भारतीय दर्शन को ना मैं जानता था, ना मैं मानता था और ना ही सनातनी परंपरा को देखने-समझने का अवसर प्राप्त हुआ था। जाने अनजाने में जो हमसे बहुत बड़ी भूल हुई थी उस भूल को सुधारने के लिए पूजनीय बापूजी के श्री चरणों में आकर प्रायश्चित स्वरूप मैं सोलोमन से सुमन कुमार बनके हिंदू हित, हिंदू समाज, हिंदू दर्शन और हिंदू चिंतन को स्वीकार कर रहा हूं।

देशभक्ति ली लहर दौड़ रही है सुमन कुमार के भीतर

सुमन कुमार ने आह्वान किया-
ओ भारत के वीर जवानों, मां का कर्ज चुका देना।
कटे-फटे इस मानचित्र को, अब भी ठीक बना देना।
पटना साहब से मिलने, ननकाना बेचैन खड़ा।
और अब के तिरंगा घुसकर, रावलपिंडी में फहरा देना।
अटक कटक से सिंधु नदी, सब कुछ हमको प्यारा है।
कश्मीर मत मांगो, पाकिस्तान हमारा है।
कोई चलता पद चिन्हों पर, कोई पद चिन्ह बनाता है।
है वही सूरमा इस जग में, दुनिया में पूजा जाता है।
ऐसे हमारे प्रातः स्मरणीय पूजनीय आसाराम बापूजी यहां विराजमान हैं। व्यक्ति को विचारों से, आचारों से, व्यवहारों से और संस्कारों से ढालने का प्रयत्न उनके माध्यम से करोड़ों लोगों तक यह संदेश पहुंचाया जा रहा है।
मैं नहीं तू ही तू ही जाकर, मौन तपस्वी साधक बनकर।।
हिमगिरि जैसे चुपचाप चले।।

आज़ादी के लिए क्या कहा?

मित्रों बड़ी मुश्किल से मिली है आजादी।
बड़ी मुश्किल से मिली है आजादी।
इसे हम खोने नहीं देंगे और देश में रह रहे गद्दारों को हम चैन से जीने नहीं देंगे।
हम चैन से जीने नहीं देंगे।
भारत हमारी मां है, भारत हमारी मां है।
माता का रूप है प्यारा।
करना इसकी रक्षा, यही कर्तव्य है हमारा।

आगे कहा कि यह मेरा परम सौभाग्य है, प्रायश्चित स्वरूप पूजनीय आसाराम बापूजी के श्री चरणों में आने का मौका मिला। हम जानते हैं कि बड़ी मुश्किल से मिली है आजादी। आज जो आजादी हम को प्राप्त हुई है उस आजादी को हमें पूरा बनाए रखना है, बचाए रखना है, बरकरार रखना है और यही संस्कार पूजनीय बापूजी हमें देते हैं। दिस इज माय होली मदर लैंड। मैं तो कहता हूँ कि यह हमारे लिए पूजनीय वंदनीय प्रातः स्मरणीय भूमि है। हम जिएंगे तो इसके लिए, मरेंगे तो इसके लिए। छत्रपति शिवाजी, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, विनायक सावरकर ने यह जो मार्ग हमको दर्शाए थे आज उन्हीं मार्गों को पुनः स्मरण करने की हमें आवश्यकता है। तो मित्रों मैं तो कहूंगा व्यक्ति को विचार, आचार, संस्कार से ढालने का जो पूजनीय बापूजी ने कार्य किया है, वो पूरी हिंदू सोसायटी के लिए किया है। इन हिन्दू सोसाइटी देअर आर मेनी स्कूल ऑफ आर्ट्स बट ओनली वन स्कूल ऑफ हार्ट। पूज्य बापूजी में वह ताकत है जो पूरे समाज को, पूरे विश्व को दिशा देने के लिए है और मैं तो कहता हूं कि भारतीय परंपरा और भारतीय चिंतन अब विश्व को मार्गदर्शन देने की स्थिति में है और इसलिए सनातनी परंपरा में जो सनातनी सच है उस सच को हम समझें।

डॉ सुब्रमण्यम स्वामी ने अपने बयान में कई बार बताया कि मेरे को एक बार फ्लाइट में आसाराम बापू मिले। उनसे मैंने बातचीत करते समय बताया कि आप जो धर्मांतरण रोकने का कार्य पुरजोश से कर रहे हैं इससे आपके ऊपर वेटिकन सिटी बहुत नाराज है और वे लोग सोनिया गांधी को बोलकर आपको जेल भिजवाने की तैयारी में लगे हैं लेकिन बापू आशारामजी निश्चिंत थे। उन्होंने बोला कि भगवान जो करेगा अच्छा ही होगा। ये बात आसाराम बापू को जेल भेजने से पहले की है।

आपको बता दें कि जिस केस में हिंदू संत आशारामजी बापू को सेशन कोर्ट ने सजा सुनाई है जब उनका केस पढ़ते हैं तो वह पूरी तरह बोगस साबित होता है।
जिस समय आरोप लगानेवाली लड़की ने तथाकथित घटना बताई है वो उस समय अपने मित्र से फोन पर बात कर थी जिसकी कॉल डिटेल भी है और आशारामजी बापू एक कार्यक्रम में थे वहां पर 50-60 लोग भी मौजूद थे उन्होंने भी गवाही दी है और मेडिकल रिपोर्ट में भी लड़की को एक खरोंच तक नहीं आने की बात स्पष्ट लिखी है तथा एफआईआर में भी बलात्कार का कोई उल्लेख नहीं है केवल छेड़छाड़ का आरोप है।

आपको ये भी बता दें कि बापू आशारामजी आश्रम में एक फैक्स भी आया था उसमें साफ लिखा था कि 50 करोड़ दो नहीं तो लड़की के केस में जेल जाने के लिए तैयार रहो।

बता दें कि उन्होंने स्वामी विवेकानंद जी के 100 साल बाद शिकागो में विश्व धर्मपरिषद में भारत का नेतृत्व किया था। बच्चों को भारतीय संस्कृति के दिव्य संस्कार देने के लिए देश में 17000 बाल संस्कार खोल दिये थे, वेलेंटाइन डे की जगह मातृ-पितृ पूजन शुरू करवाया, क्रिसमस की जगह तुलसी पूजन शूरू करवाया, वैदिक गुरुकुल खोले, करोड़ों लोगो को व्यसनमुक्त किया, ऐसे अनेक भारतीय संस्कृति के उत्थान के कार्य किये हैं जो विस्तार से नहीं बता पा रहे हैं। इसके कारण आज वे जेल में हैं।




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