आयुर्वेदिक अंडे की हकीकत जानकर आप भी रह जायेंगे हैरान

Knowing the reality of ayurvedic egg, you will also be surprised

क्या Ayurvedic Egg वाकई आयुर्वेदिक है या यह एक व्यापारिक भ्रमजाल?

कैसे अंडा अचानक Ayurvedic बन गया?

तेलुगु राज्यों में अब अंडों को “Ayurvedic Egg” कहकर बेचा जा रहा है।
सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय के कुक्कुट अनुसंधान केंद्र के अनुसार, इन मुर्गियों को आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों जैसे मुनक्का, बादाम, किशमिश, छुआरे आदि खिलाए जा रहे हैं। इसलिए उनके अंडे और मांस को आयुर्वेदिक बताया जा रहा है।

Hype या Health? क्या वास्तव में ये अंडे आयुर्वेदिक हैं?

क्या सिर्फ जड़ी-बूटी खिलाने से अंडा शाकाहारी हो गया?

यदि ऐसा हो तो बकरी या गाय जो खेतों की घास और जड़ी-बूटियां खाती हैं, उनका मांस भी आयुर्वेदिक मान लिया जाए?

क्या एक महिला शाकाहारी है और उसका बच्चा आयुर्वेदिक आहार से जन्मा है, तो क्या वह बच्चा “आयुर्वेदिक शिशु” कहलाएगा?

ये सब कल्पनाएँ हैं जो पूंजीवाद और व्यापारिक प्रपंचों के तहत रची जाती हैं।

आयुर्वेद का मूल स्वरूप और आध्यात्मिक दृष्टिकोण

आयुर्वेद के जनक कौन? महर्षि चरक

  • महर्षि सुश्रुत

  • महर्षि वाग्भट

इन ऋषियों द्वारा रचित ग्रंथों में अंडा तामसिक व अपवित्र पदार्थ माना गया है।

क्या अंडा आयुर्वेदिक हो सकता है? नहीं। आयुर्वेदिक ग्रंथों में अंडे को:

  • तामसिक खाद्य

  • मन और शरीर को उत्तेजित करने वाला

  • अशुद्ध और अप्राकृतिक

बताया गया है।

Aaj ke samay me Ayurvedic Egg ek dhokha kyun hai?

अंडा बेचने वालों का तर्क

  • हम मुर्गियों को आयुर्वेदिक आहार दे रहे हैं

  • इसलिए अंडा और मांस भी आयुर्वेदिक हो गया

ये तर्क वैज्ञानिक, नैतिक और आध्यात्मिक तीनों ही दृष्टिकोणों से झूठा है।

असलियत क्या है?

  • मुर्गियों को स्टेरॉयड्स, हार्मोन और इंजेक्शन दिए जाते हैं

  • प्राकृतिक रूप से मुर्गी हर दिन अंडा नहीं देती

  • अंडा, मुर्गी के गर्भ की उपज है — वह भ्रूण के समान है

आयुर्वेद का अपमान है Ayurvedic Egg

“अंडा प्राकृतिक है, लेकिन आयुर्वेदिक नहीं।”

  • आयुर्वेद में अंडे या मांस को न दवा की श्रेणी में रखा गया है न आहार की

  • आध्यात्मिक दृष्टिकोण से अंडा आत्मा की उन्नति में बाधक है

  • आयुर्वेद में सत्त्वगुणी, शांतिप्रद, और पवित्र भोजन को मान्यता है — अंडा इनमें नहीं आता

2 thoughts on “आयुर्वेदिक अंडे की हकीकत जानकर आप भी रह जायेंगे हैरान

  1. Companies can make fool to anyone for money. There motto is only making huge profits & they can speak lies to any extent for this.

    Customers should think by their own brain & should boycott such products.

  2. Paiso ke liye kuchh bhi marketing karte hai log.Deshvasi apne vivek ka upyog kare aur aise logo ke bahkave me na aye.

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