सनसनीखेज खुलासा : जिस मैच को लोग देखते हैं वो मैच फिक्स होता है

06 मार्च 2020
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देश-दुनिया मे क्रिकेट मैच के लोग काफी दीवाने होते हैं, जिस मैच को देखकर हम खुश होते हैं उसके पीछे का काला सच नही समझते हैं और मैच के पीछे अपना समय-शक्ति और पैसे की बर्बादी कर देते हैं। क्रिकेट के लोग इतने दीवाने हो जाते हैं की अपनी पढ़ाई, नींद, महत्वपूर्ण कार्य आदि छोड़कर भी देखने जाते हैं। लेकिन इसके पीछे का एक सच उजागर हुआ है वो भी आप जान लीजिए फिर आप इस क्रिकेट को सदा के लिए देखना छोड़ देंगें।

नई दिल्ली : साल 2000 में साउथ अफ्रीकी क्रिकेटर हैंसी क्रोनिए ने मैच फिक्सिंग की थी, लेकिन इसके पीछे का चेहरा संजीव चावला का था। इस केस के मुख्य आरोपी संजीव चावला ने दिल्ली पुलिस को दिए अपने बयान में दावा किया है कि “कोई भी क्रिकेट मैच निष्पक्ष रूप से नहीं खेला जाता है” और “सभी क्रिकेट मैच जो लोग देखते हैं, वह फिक्स होते हैं।” उन्होंने ये भी संकेत दिया है कि इसमें अंडरवर्ल्ड माफियाओं की भागीदारी होती है, जो सभी क्रिकेट खेलों को प्रभावित करते हैं। संजीव चावला के मुताबिक, क्रिकेट कुछ इस तरह है कि फिल्मों को पहले ही निर्देशित किया गया है।

बयान में अदालत को सौंपी गई एक सप्लीमेंट्री चार्जशीट जिस पर आरोपी के हस्ताक्षर नहीं है, उसके मुताबिक चावला ने पुलिस के सामने खुलासा किया कि माफिया ने इस मामले के जांच अधिकारी डीसीपी (क्राइम ब्रांच) डॉ. जी राम गोपाल नाइक को निशाना बनाया था, जिससे उनका जीवन खतरे में था। नई दिल्ली में जन्मे और लंदन में रहने वाले इस बुकी ने ये भी कबूल किया है कि वह कई सालों तक मैच फिक्सिंग में शामिल रहा है।

इंडियन एक्स्प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, संजीव चावला ने ये भी जाहिर किया है कि वह मैच फिक्सिंग के बारे में ज्यादा नहीं बताएगा, क्योंकि इसमें “एक बहुत बड़ा सिंडिकेट/अंडरवर्ल्ड माफिया शामिल है और वे खतरनाक लोग हैं और अगर वह कुछ भी कहते हैं तो वे उसे मार देंगे।” हालांकि, दिल्ली पुलिस ने इस बारे में कोई जानकारी शेयर नहीं की है, क्योंकि जांच अभी भी जारी है।

इस बीच दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने अपने सप्लीमेंट्री चार्जशीट में यह भी कहा है कि संजीव चावला ने जांच में सहयोग नहीं किया है, जिससे अपराध में उनकी संलिप्तता साबित होती है। ट्रायल कोर्ट के जमानत आदेश पर हाईकोर्ट की रोक के अभाव में, चावला इस महीने की शुरुआत में तिहाड़ जेल से बाहर चले गए थे। इस राहत के बाद दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। मामले की सुनवाई अगले महीने होगी।
संदर्भ : जागरण

इस काले सच को आपने जान लिया तो फिर क्रिकेट नही देखेगे क्योंकि यह खेल नही बल्कि एक बिजनेस है, मीडिया आदि में इसको प्रमोट किया जाता है जबकि भारतीय खेल होकि, कबड्डी आदि को कभी इतना महत्व नही दिया गया जितना क्रिकेट को दिया जा रहा है ऐसा क्यों किया जा रहा है आपने संजीव चावला से जान लिया।
https://hindi.webdunia.com/sports/cricket-1100830009_1.htm

भारतवासीयों को अपना कीमती समय और पैसे की बर्बादी इस सट्टेबाजी वाले खेल में नहीं चाहिए और हमारा राष्ट्रीय खेल होकि, कबड्डी आदि खेल को आगे बढ़ाए और विश्व मे अपने देश का नाम रोशन करें।

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