दीपक चौरसिया Pocso केस के शिकंजे में !
हरियाणा के गुरुग्राम में एक मासूम बच्ची का वीडियो एडिट कर उसे अश्लील रूप में प्रस्तुत किया गया। यह वीडियो इंडिया न्यूज़ के चीफ एडिटर दीपक चौरसिया द्वारा प्रसारित किया गया, ऐसा आरोप है।
हालांकि, पीड़िता के माता-पिता Deepak Chaurasia Pocso केस का एफआईआर दर्ज करवाने के लिए थाने पहुँचे, लेकिन पुलिस ने मामला दर्ज करने से मना कर दिया।
कारण?
क्योंकि आरोपी एक प्रभावशाली मीडिया व्यक्ति था।
सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद ही FIR
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जाकर एफआईआर दर्ज की गई।
इसके बावजूद, दो साल तक बच्ची का बयान दर्ज नहीं कराया गया।
अंततः, हाई कोर्ट के हस्तक्षेप पर CrPC धारा 164 के तहत बयान दर्ज हुआ।
इससे स्पष्ट होता है कि पुलिस द्वारा इस मामले में जानबूझकर देरी की गई।
दीपक चौरसिया Pocso केस क्या मीडिया के लिए अलग कानून हैं?
यह सवाल आम जनता के मन में बार-बार उठता है।
POCSO एक्ट के तहत दीपक चौरसिया पर केस दर्ज है, जिसमें तत्काल गिरफ्तारी का प्रावधान है।
फिर भी, वह अब तक बिना किसी कार्रवाई के खुलेआम घूम रहे हैं।
इसके विपरीत,
संत आसाराम बापू पर भी यही धारा लगी है, लेकिन उन्हें तुरंत गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया।
क्या यह लॉ के दोहरे मापदंड नहीं हैं?
जनता और हिन्दू संगठनों में दीपक चौरसिया पर Pocso केस में भारी आक्रोश
इस दोगले रवैये को देखते हुए हिन्दू संगठनों और आम जनता ने गुरुग्राम महिला थाना पर पहुंचकर विरोध दर्ज कराया।
उन्होंने सवाल उठाए:
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क्या संविधान सभी के लिए एक जैसा नहीं होना चाहिए?
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क्या मीडिया में होना, कानून से ऊपर हो जाना है?
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जब हिन्दू संतों को आधी रात में उठा लिया जाता है, तो प्रमाण और कोर्ट आदेश के बावजूद दीपक चौरसिया क्यों नहीं गिरफ्तार होते?
इसलिए, संगठनों ने चेतावनी दी कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई तो देशव्यापी आंदोलन शुरू किया जाएगा।
ट्विटर पर Deepak Chaurasia Pocso केस में जनता ने उठाई गिरफ्तारी की मांग
शुक्रवार को ट्विटर पर #ArrestCHORasia ट्रेंड करने लगा।
हजारों लोगों ने ट्वीट कर दीपक चौरसिया की गिरफ्तारी की मांग की।
कुछ चर्चित ट्वीट्स:
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गार्गी पटेल:
“आखिर Deepak Chaurasia गिरफ्तार क्यों नहीं हो रहा?”
https://twitter.com/gargi088/status/987327447426252800?s=19 -
नरसिंह प्रजापत:
“अब ये समाज का कैंसर बन चुका है।”
https://twitter.com/NarsiOm/status/987327758924767233?s=19 -
मेघा अग्रवाल:
“छोटी दामिनी केस में भी मुख्य आरोपी था, अब तक गिरफ्तारी क्यों नहीं?”
https://twitter.com/Megha_Aggarwal_/status/987327458696458240?s=19 -
संदीप मौर्या:
“झूठी खबरें फैलाकर संतों को बदनाम करता है।”
https://twitter.com/Sandp_m4/status/987326194717618176?s=19
इन ट्वीट्स से साफ है कि जनता की चेतना जाग गई है, और वे अब मूक दर्शक नहीं रहना चाहते।
निष्कर्ष:
इस पूरे मामले ने भारतीय न्याय प्रणाली पर गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़े कर दिए हैं।
यदि कानून सबके लिए एक जैसा है, तो फिर POCSO आरोपी दीपक चौरसिया की अब तक गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई?
अब देखना है कि क्या न्यायालय के आदेश का पालन कर प्रशासन कार्रवाई करता है, या फिर ये मामला भी दबाया जाएगा।
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