Hindu Divide and Rule की साजिश: क्या हिन्दू स्वयं ही अपने विनाश की राह पर हैं?
भारत में Hinduism न केवल एक धर्म है, बल्कि एक जीवंत संस्कृति, परंपरा और जीवनशैली है। लेकिन अफसोस की बात यह है कि “Hindus will ruin Hindus only”—यह कथन आज की परिस्थिति में सच होता नजर आ रहा है।
Hindu Divide and Rule की नीति को आज भी कुछ राजनीतिक ताकतें और संगठन लागू कर रहे हैं, जिसका सबसे बड़ा नुकसान खुद Hindu Dharm को हो रहा है।
2014 में भाजपा की जीत और Hindu Vote का एकजुट प्रभाव
2014 लोकसभा चुनाव में भारत के कुल 81.4 करोड़ मतदाताओं में से लगभग 17 करोड़ वोट भाजपा को मिले।
यह वोट शेयर केवल 31% था, लेकिन चूंकि Hindu Vote काफी हद तक एकजुट हुआ, इसलिए भाजपा को स्पष्ट बहुमत मिल गया।
वहीं विपक्ष को 69% वोट मिलने के बावजूद सरकार नहीं मिल सकी, क्योंकि वह बंटा हुआ था।
यही रणनीति उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी देखने को मिली, जहां हिन्दू जातियाँ एक साथ आकर Hindu Voting Block में बदल गईं, और भाजपा ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की।
लेकिन अब बदल रहा है राजनीतिक रुख?
हाल के चुनावों में भाजपा को विपक्षी एकजुटता के चलते झटका लगा है।
इसके साथ ही Hindutva समर्थकों का यह मानना है कि भाजपा अब अपने मूल हिन्दुत्व एजेंडे से हटकर सेक्युलरवाद की राह पकड़ने लगी है।
इसका सबसे ताजा उदाहरण है – डॉ. प्रवीण तोगड़िया को विश्व हिंदू परिषद (VHP) से बेदखल किया जाना।
डॉ. प्रवीण तोगड़िया का बयान: हिंदुत्व विचारधारा पर चोट
डॉ. तोगड़िया ने प्रेस नोट जारी कर बताया कि उन्हें जबरन चुनाव प्रक्रिया के माध्यम से हटाया गया।
उन्होंने कहा:
“मैंने 10 वर्ष की आयु से हिंदुत्व के लिए कार्य किया, घर और करोड़ों की मेडिकल प्रैक्टिस छोड़ दी। लेकिन आज विहिप को सरकारी दबाव में हिंदुत्व से हटाया जा रहा है।“
उन्होंने आगे कहा:
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विहिप, बजरंग दल, दुर्गा वाहिनी के करोड़ों कार्यकर्ता आज भी Hindu Unity के साथ डटे हैं।
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अब “हिंदू फर्स्ट”, “हिंदू ही आगे” के मंत्र के साथ नए आंदोलन की तैयारी है।
Hindu Divide and Rule: आंतरिक टूट का कारण
डिवाइड एंड रूल की नीति, जिसे पहले अंग्रेजों ने अपनाया, आज राजनीतिक संगठनों और कुछ धार्मिक संस्थाओं में भी देखने को मिल रही है।
प्रमुख नुकसानदायक प्रभाव:
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हिंदू संतों को अपमानित करना
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राजनीतिक स्वार्थ के लिए हिंदुत्व के नेताओं को हटाना
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Sant Asaram Bapu, धनंजय देसाई जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा वालों को वर्षों से जेल में रखना
एकता की आवश्यकता: वरना देर हो जाएगी!
अगर Hindu एकजुट नहीं हुए, तो आने वाले समय में:
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भारत का वही हाल होगा जो पाकिस्तान में हिंदुओं का है
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हिंदू वोट बिखरता रहेगा
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सनातन धर्म कमजोर होता जाएगा
अब समय है कि:
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सभी हिंदू अपने छोटे-छोटे मतभेद भूलकर एकजुट हों
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जेल में बंद Hindutva समर्थकों को सम्मानपूर्वक रिहा किया जाए
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विचारधारा को सत्ता के स्वार्थ पर कुर्बान न किया जाए
हिंदू जागरण की दिशा में अगला कदम
डॉ. तोगड़िया का बयान स्पष्ट करता है कि:
“अब हम हिंदुओं के लिए रामराज्य की स्थापना, गौवध बंदी, धारा 370 हटाने जैसे कार्यों में और अधिक जोर देंगे।“
उनका नारा है:
“सुरक्षित हिंदू, समृद्ध हिंदू, संगठित हिंदू!”
Hindu Unity ही एकमात्र समाधान
Hinduism की रक्षा केवल तभी संभव है जब Hindus खुद आपसी मतभेद छोड़ें और Divide and Rule की नीति से ऊपर उठकर संघठित शक्ति बनें।
आज यदि हम नहीं जगे तो कल बहुत देर हो जाएगी।
संतो की भूमि भारत में ही संतों के साथ कानून का दुरुपयोग कब तक होता रहेगा शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती जी को जेल आदि का कष्ट दिया गया और ऐसा ही Sant Shri Asaram Bapu Ji के साथ हो रहा है #WhyAsaramBapujiIsFramed
हिंदू समाज एकजुट होकर संस्कृति की रक्षा करे ये समय की मांग है।
ऐसे तो दुनिया की बेहतरीन चीजों के आविष्कारकों के रूप में कई विदेशी वैज्ञानिकों के नाम सुनने में आते हैं, परन्तु यह अटल सत्य है कि इन अविष्कारकों के काफी वर्ष पहले ही हमारे भारतवर्ष के महान ऋषि वैज्ञानिकों ने कई अविष्कार कर दिए थे ।