डॉ. सी. पी. मैथ्यू: आयुर्वेद और समग्र चिकित्सा

Dr C P Mathew Ayurveda: डॉ. सी. पी. मैथ्यू का समग्र दृष्टिकोण

डॉ. सी. पी. मैथ्यू, केरल के पहले मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट, आधुनिक चिकित्सा और पारंपरिक आयुर्वेद को जोड़कर रोगियों के समग्र स्वास्थ्य की दिशा में क्रांति लाने वाले एक विद्वान थे। उनका जीवन चिकित्सा, शिक्षा और सनातन धर्म के प्रति समर्पण का प्रतीक है।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

डॉ. सी. पी. मैथ्यू का जन्म 1929 में केरल के कुट्टायम जिले में हुआ। उन्होंने MBBS की डिग्री चेन्नई मेडिकल कॉलेज से प्राप्त की और रेडियोलॉजी में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा किया। इसके बाद उन्होंने कैंसर सर्जरी और ऑन्कोलॉजी में विशेषज्ञता हासिल की।

1960 के दशक में उन्होंने तिरुवनंतपुरम मेडिकल कॉलेज में ऑन्कोलॉजी विभाग में कार्य किया और बाद में कोट्टायम मेडिकल कॉलेज में विभाग प्रमुख बने।

हिंदू धर्म अपनाना और आस्था

डॉ. मैथ्यू ने अपने जीवन में हिंदू धर्म को अपनाया और सूर्यकलादी मठ से उपनयन संस्कार प्राप्त किया। उन्होंने अपने जीवन को सनातन धर्म के मूल्यों के अनुसार संवारा।

  • उनका धर्म परिवर्तन उनके समुदाय और परिवार के लिए चुनौतीपूर्ण था।
  • उन्होंने अपने धर्म और आध्यात्मिक जीवन को सामाजिक आलोचना से परे रखा।
  • उनका उद्देश्य केवल धार्मिक पहचान नहीं, बल्कि जीवन की समग्र समझ और मूल्य अपनाना था।
  • उनका यह पहल व्यापक रूप से दस्तावेज़ नहीं हुई, लेकिन प्रेरक है।

Dr C P Mathew Ayurveda: चिकित्सा में योगदान

डॉ. मैथ्यू ने इंटीग्रेटिव मेडिसिन का मार्ग अपनाया, जिसमें आधुनिक चिकित्सा और आयुर्वेद का संयोजन शामिल था।

कैंसर उपचार में नवाचार

  • रेडियेशन और कीमोथेरेपी के साथ आयुर्वेदिक हर्बल थेरेपी का संयोजन।
  • रोगियों के शारीरिक, मानसिक और आत्मिक स्वास्थ्य पर ध्यान।
  • कई रोगियों को जीवनदान प्रदान किया।

आयुर्वेद का व्यावहारिक उपयोग

  • संतुलित आहार और जीवनशैली अपनाने की सलाह।
  • योग और ध्यान के माध्यम से मानसिक संतुलन।
  • हर्बल थेरेपी से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना।

चेरियन आश्रम की स्थापना

कोट्टायम में उन्होंने चेरियन आश्रम की स्थापना की, जहाँ आयुर्वेद और आधुनिक चिकित्सा का समग्र अभ्यास होता था। छात्रों और चिकित्सकों को इसे सीखने का अवसर मिला।

शिक्षा और समाज सेवा

डॉ. मैथ्यू ने अपने छात्रों को सिखाया कि अच्छा चिकित्सक वही है जो नैतिकता, मानवता और समग्र स्वास्थ्य का पालन करता है। रिटायरमेंट के बाद भी उन्होंने 50 से अधिक देशों में विजिटिंग प्रोफेसर के रूप में कार्य किया।

सनातन धर्म और आयुर्वेद में गहरा संबंध

डॉ. मैथ्यू ने दिखाया कि धर्म, आयुर्वेद और स्वास्थ्य आपस में जुड़े हुए हैं। उन्होंने रोगियों को मानसिक और आध्यात्मिक शांति की ओर मार्गदर्शन दिया। उनका जीवन संदेश देता है कि धर्म और स्वास्थ्य का सही पालन जीवन और दीर्घायु के लिए आवश्यक है।

निष्कर्ष

डॉ. सी. पी. मैथ्यू का जीवन यह दर्शाता है कि स्वास्थ्य केवल शारीरिक उपचार तक सीमित नहीं है, बल्कि मानसिक, आध्यात्मिक और जीवनशैली के संतुलन पर आधारित है। उनका योगदान आयुर्वेद और आधुनिक चिकित्सा के संयोजन में रोगियों के जीवन को बेहतर बनाता है और उनके धर्म अपनाने का निर्णय प्रेरक है।

संसाधन और संदर्भ