Vijayadashami विजयादशमी (दशहरा) : वेद, पुराण और हिन्दू शास्त्रों के अनुसार महत्व
नवरात्रि की पूर्णाहुति जिस तिथि पर होती है, वह है आश्विन शुक्ल दशमी – जिसे विजयादशमी या दशहरा कहा जाता है। यह पर्व धर्म की अधर्म पर, सत्य की असत्य पर और मर्यादा की अहंकार पर विजय का प्रतीक है। Azaad Bharat पर आप इसके ऐतिहासिक और आध्यात्मिक महत्व को विस्तार से पढ़ सकते हैं।
Vijayadashami in Vedas and Upanishads
- ऋग्वेद (मण्डल 10, सूक्त 125) – देवी स्वयं कहती हैं: “ममैव विजयः, ममैव बलम्।”
- अथर्ववेद (काण्ड 11, सूक्त 5) – शक्ति को दुर्गा कहा गया है, जो शत्रुजयी बनाती हैं।
- तैत्तिरीय आरण्यक – दशमी को “जयादशमी” कहा गया है।
- देवी उपनिषद – देवी को “सर्वविजयप्रदा” कहा गया है।
Ramayana and Vijayadashami
रामायण के अनुसार श्रीराम ने नवरात्रि में चंडी पूजा की और दशमी के दिन रावण का वध हुआ। इसलिए यह दिन राम विजय दिवस कहलाता है। उत्तर भारत में रावण दहन की परंपरा इसी विजय का प्रतीक है।
Mahabharata and Vijayadashami
महाभारत में पांडवों ने आश्विन शुक्ल दशमी को अपने शस्त्र शमी वृक्ष से निकाले और विजय संकल्प लिया। आज भी महाराष्ट्र और कर्नाटक में शमी पूजन और शस्त्र पूजन की परंपरा प्रचलित है।
Puranas and Vijayadashami
- स्कन्द पुराण – दशमी को “विजयारंभ” का श्रेष्ठ दिन बताया।
- देवी भागवत पुराण – देवी अपराजिता की पूजा से जीवन में पराजय नहीं होती।
- कालिका पुराण – दशमी को सर्वसिद्धिदायिनी तिथि बताया।
- ब्रह्मवैवर्त पुराण – शस्त्र और व्यापार साधनों की पूजा का उल्लेख।
Major Traditions of Vijayadashami
- शमी पूजन – पांडवों की कथा से जुड़ा, समृद्धि और विजय का प्रतीक।
- शस्त्र पूजन – कालिका पुराण और स्कन्दपुराण में वर्णित।
- रावण दहन – आंतरिक विकारों का दहन।
- अपराजिता देवी पूजन – देवी भागवत में वर्णित।
- दक्षिण भारत की परंपरा – मैसूर दशहरा उत्सव प्रसिद्ध।
Scientific and Philosophical Aspects of Vijayadashami
- मौसमी दृष्टि से – ऋतु परिवर्तन में उपवास शरीर को सुरक्षित रखता है।
- सामाजिक दृष्टि से – सत्य की विजय का संदेश।
- आध्यात्मिक दृष्टि से – अपराजिता शक्ति की साधना।
Conclusion on Vijayadashami
विजयादशमी केवल पर्व नहीं बल्कि –
वेदों में शक्ति की विजय,
रामायण में धर्म की रक्षा,
महाभारत में साहस और शौर्य,
पुराणों में अपराजिता शक्ति की आराधना –
इनका अद्भुत संगम है।
संदेश: “असत्य कितना भी बलवान क्यों न हो, सत्य की विजय अवश्य होती है।”
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