14 July 2025
भारत के लिए गर्व का क्षण: मराठा सैन्य किलों को UNESCO विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता
प्रकाशित तिथि: 14 जुलाई 2025 | AzaadBharat.org
मराठा किले: ऐतिहासिक और सांस्कृतिक प्रतीक
इस मान्यता में कुल 12 चुने हुए किले शामिल हैं, जिनमें से 11 महाराष्ट्र में हैं और एक — गिंजी किला — तमिलनाडु में स्थित है। ये किले 17वीं से 19वीं शताब्दी के दौरान मराठा साम्राज्य की सैन्य और प्रशासनिक क्षमताओं के जीवंत प्रमाण हैं।
- सल्हेर का युद्ध
- शिवनेरी की जन्मभूमि
- रायगढ़ की राजधानी
- सिंधुदुर्ग की समुद्री सुरक्षा
ये सभी किले शिल्प और स्थापत्य के चमत्कार हैं और छत्रपति शिवाजी महाराज की भौगोलिक रणनीति को उजागर करते हैं।
♂️छत्रपति शिवाजी महाराज की दूरदर्शिता
शिवाजी महाराज ने इन किलों को केवल सैनिक ठिकानों के रूप में नहीं, बल्कि स्वराज्य के समग्र विकास के केंद्र के रूप में विकसित किया। पहाड़ी, पठारी, वन क्षेत्र और समुद्री किलों की विविधता उनकी रणनीतिक समझ और सैन्य कुशलता का उदाहरण है। इन किलों ने मुगलों और अन्य बाहरी शक्तियों के विरुद्ध मराठा साम्राज्य को मजबूती प्रदान की।
UNESCO की मान्यता: एक वैश्विक सम्मान
यह मान्यता भारत की प्राचीन सैन्य स्थापत्य कला को वैश्विक मान्यता देती है। इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, संरक्षण कार्यों को मजबूती मिलेगी, और शैक्षिक व सांस्कृतिक आदान-प्रदान के नए द्वार खुलेंगे।
निष्कर्ष
यह एक गर्व का क्षण है जब भारत की अमूल्य सांस्कृतिक विरासत को विश्व ने स्वीकारा और सम्मानित किया। मराठा किले न केवल हमारी भूतपूर्व सैन्य शक्ति के प्रतीक हैं, बल्कि ये हमारे इतिहास, संस्कृति और स्वाभिमान के जीवंत साक्षी हैं। यह UNESCO मान्यता आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा है कि वे अपने इतिहास को सम्मान और संरक्षण की दृष्टि से देखें।