गंगा नदी में बटागुर कछुआ: संकटग्रस्त जीवन और संरक्षण की चुनौतियाँ

12 July 2025

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गंगा नदी में बटागुर कछुआ: जीवन, संकट और संरक्षण

परिचय

गंगा नदी भारत की सबसे पवित्र और महत्वपूर्ण नदियों में से एक है, जो न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि पर्यावरणीय दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। गंगा में अनेक जलचर प्राणी निवास करते हैं, जिनमें बटागुर कछुआ (Batagur turtle) एक प्रमुख और संकटग्रस्त प्रजाति है।

बटागुर कछुआ क्या है?

बटागुर कछुआ (Batagur spp.) भारतीय उपमहाद्वीप में पाया जाने वाला एक बड़ा नदी कछुआ है।

  • वैज्ञानिक नाम: Batagur dhongoka
  • आवास: गंगा, ब्रह्मपुत्र और सहायक नदियाँ
  • आकार: 40 से 70 सेमी तक

गंगा नदी में बटागुर कछुओं का पारिस्थितिक महत्व

बटागुर कछुए नदी के तल की सफाई, जैव विविधता का संतुलन और पारिस्थितिक तंत्र की स्थिरता बनाए रखने में सहायक हैं।

संकट के कारण

  • प्रदूषण: औद्योगिक और घरेलू अपशिष्ट का प्रवाह
  • अतिक्रमण: नदी किनारों का अतिक्रमण और निर्माण कार्य
  • अवैध शिकार और अंडा संग्रहण
  • जल प्रवाह में बदलाव

संरक्षण प्रयास (2020–2023)

  • ✔️ राष्ट्रीय मिशन फॉर क्लीन गंगा (NMCG) के तहत संरक्षण
  • ✔️ प्रजनन केंद्र और अंडा सुरक्षा अभियान
  • ✔️ जागरूकता अभियान और स्थानीय भागीदारी
  • ✔️ वैज्ञानिक अनुसंधान — WII और WWF India द्वारा
  • ✔️ गंगा सफाई अभियान — प्लास्टिक निषेध और जल गुणवत्ता सुधार

केस स्टडी: WWF इंडिया की पहल

WWF India द्वारा गंगा में विशेष Turtle Conservation परियोजनाएँ चलाई गईं जिनसे बटागुर कछुओं की संख्या में सकारात्मक परिवर्तन देखा गया।

हम क्या कर सकते हैं?

  • ✔️ व्यक्तिगत स्तर पर प्लास्टिक प्रयोग कम करें
  • ✔️ नदी किनारों को साफ रखें
  • ✔️कछुओं की सुरक्षा के लिए स्थानीय अभियानों में भाग लें
  • ✔️ बच्चों को जैव विविधता के प्रति जागरूक बनाएं

निष्कर्ष

बटागुर कछुआ गंगा की जैव विविधता का एक अहम हिस्सा है। इसके संरक्षण में सरकार, संगठन और आम जनता की भागीदारी अनिवार्य है।

संदर्भ

  1. National Mission for Clean Ganga (NMCG)
  2. WWF India – Turtle Conservation Program
  3. Das, I. & van Dijk, P.P. (2016). Batagur baska. IUCN Red List of Threatened Species.
  4. Wildlife Institute of India (WII) Reports on Turtle Conservation, 2022.
  5. Journal of Environmental Management, 2022

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