राफेल का भारत में निर्माण: मेक इन इंडिया की ऐतिहासिक सफलता

08 June 2025

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राफेल का भारत में निर्माण: मेक इन इंडिया की ऐतिहासिक सफलता



राफेल अब भारत में: आत्मनिर्भर रक्षा उत्पादन की नई उड़ान

प्रस्तावना:

भारत और फ्रांस के बीच रक्षा सहयोग ने एक नया मुकाम हासिल किया है। फ्रांसीसी एयरोस्पेस कंपनी Dassault Aviation और भारत की Tata Advanced Systems Limited (TASL) ने मिलकर एक ऐतिहासिक समझौता किया है, जिसके तहत राफेल लड़ाकू विमानों के मुख्य ढांचे (फ्यूज़लाज) का निर्माण अब भारत में होगा। यह पहली बार है जब राफेल के फ्यूज़लाज का निर्माण फ्रांस के बाहर किया जाएगा, और इसके लिए हैदराबाद में एक अत्याधुनिक उत्पादन सुविधा स्थापित की जाएगी।

सौदे का विवरण:

इस साझेदारी के तहत, हैदराबाद में स्थित नई सुविधा में राफेल के विभिन्न हिस्सों का निर्माण किया जाएगा, जिसमें पीछे का हिस्सा, केंद्रीय फ्यूज़लाज, और सामने का हिस्सा शामिल हैं। उम्मीद है कि वित्तीय वर्ष 2028 से प्रति माह दो फ्यूज़लाज का उत्पादन शुरू हो जाएगा।

भारत के लिए लाभ:

  • मेक इन इंडिया को बल: यह पहल ‘मेक इन इंडिया’ अभियान को मजबूती प्रदान करती है, जिससे भारत रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भर बनता जा रहा है।
  • रोजगार के अवसर: इस परियोजना से उच्च कौशल वाले रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को लाभ होगा।
  • तकनीकी हस्तांतरण: फ्रांस से अत्याधुनिक तकनीक का हस्तांतरण होगा, जिससे भारत की रक्षा उत्पादन क्षमताओं में वृद्धि होगी।
  • वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में भागीदारी: भारत अब वैश्विक रक्षा आपूर्ति श्रृंखला का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनेगा, जिससे निर्यात के अवसर बढ़ेंगे।

वैश्विक प्रभाव:

  • उद्योगिक विविधता: राफेल के फ्यूज़लाज का निर्माण फ्रांस के बाहर भारत में होने से वैश्विक रक्षा उद्योग में विविधता आएगी।
  • रणनीतिक सहयोग: भारत और फ्रांस के बीच यह सहयोग दोनों देशों के रणनीतिक संबंधों को और मजबूत करेगा।
  • वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में योगदान: भारत की भागीदारी से वैश्विक रक्षा आपूर्ति श्रृंखला में स्थिरता और दक्षता बढ़ेगी।

निष्कर्ष:

राफेल के फ्यूज़लाज का भारत में निर्माण न केवल ‘मेक इन इंडिया’ अभियान की सफलता का प्रतीक है, बल्कि यह भारत की रक्षा उत्पादन क्षमताओं में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर भी है। इससे न केवल भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता में वृद्धि होगी, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी भारत की भूमिका को मजबूती मिलेगी। यह साझेदारी भारत को एक वैश्विक रक्षा उत्पादन केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

आपका मत:

इस ऐतिहासिक पहल पर आपका क्या विचार है? क्या आप मानते हैं कि यह भारत को वैश्विक रक्षा उत्पादन में अग्रणी बना सकता है? अपने विचार साझा करें!