खुर्जा में मिला 50 साल पुराना मंदिर: 1990 के दंगों के बाद से था बंद

18 February 2025

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खुर्जा में मिला 50 साल पुराना मंदिर: 1990 के दंगों के बाद से था बंद

 

 

भारत में मंदिर केवल पूजा स्थल ही नहीं, बल्कि संस्कृति, इतिहास और आस्था के प्रतीक होते हैं। हाल ही में बुलंदशहर जिले के खुर्जा में एक पुराना और वर्षों से बंद पड़ा मंदिर मिला है। बताया जा रहा है कि यह मंदिर करीब 50 साल पुराना है, जो 1990 के दंगों के बाद बंद कर दिया गया था। अब हिंदू संगठनों ने प्रशासन से मंदिर के जीर्णोद्धार (renovation) की मांग की है, ताकि यहां फिर से पूजा-पाठ हो सके।

 

मंदिर का इतिहास

 

खुर्जा के सलमा हकन मोहल्ले में स्थित इस मंदिर का निर्माण जाटव समुदाय ने किया था। यह समुदाय यहां पूजा-अर्चना करता था, लेकिन 1990 में हुए दंगों के बाद उन्होंने यह इलाका छोड़ दिया। इसके बाद मंदिर उपेक्षित (neglected) हो गया और बंद कर दिया गया।

 

प्रशासन की प्रतिक्रिया

 

खुर्जा के SDM दुर्गेश सिंह ने बताया कि मंदिर के इतिहास की जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि मंदिर का निर्माण जाटव समुदाय द्वारा किया गया था और अब हिंदू संगठन इसके पुनर्निर्माण (restoration) की मांग कर रहे हैं। प्रशासन इस मामले पर विचार कर रहा है, ताकि मंदिर की पवित्रता बहाल की जा सके।

 

संभल और वाराणसी के बाद अब खुर्जा में भी मिला बंद पड़ा मंदिर

 

यह कोई पहला मामला नहीं है। हाल ही में संभल और वाराणसी में भी वर्षों से बंद पड़े मंदिर दोबारा मिले थे, जिन्हें अब फिर से खोलने की प्रक्रिया चल रही है। खुर्जा में मिले इस मंदिर ने स्थानीय लोगों की धार्मिक भावनाओं को जाग्रत कर दिया है और वे चाहते हैं कि इसे फिर से खोला जाए।

 

क्या कहता है समाज?

 

स्थानीय लोगों का मानना है कि धार्मिक स्थलों को राजनीति का शिकार नहीं बनाना चाहिए। मंदिरों को संरक्षित (preserved) किया जाना चाहिए ताकि आने वाली पीढ़ियां अपने इतिहास और आस्था से जुड़ी रहें। हिंदू संगठनों का कहना है कि अगर मस्जिदों और चर्चों की देखभाल की जाती है, तो मंदिरों के साथ भी ऐसा ही होना चाहिए।

 

क्या होगा आगे?

 

अब सवाल यह है कि क्या प्रशासन मंदिर का जीर्णोद्धार करेगा?

 

संरक्षण की प्रक्रिया: यदि प्रशासन इसकी अनुमति देता है, तो मंदिर का पुनर्निर्माण और जीर्णोद्धार किया जाएगा।

धार्मिक आयोजन: यदि मंदिर को फिर से खोला जाता है, तो वहां पूजा-पाठ और भजन-कीर्तन शुरू किए जा सकते हैं।

ऐतिहासिक अध्ययन: मंदिर से जुड़े इतिहास की जांच की जा सकती है ताकि इसके बारे में अधिक जानकारी प्राप्त हो सके।

 

निष्कर्ष

 

खुर्जा में मिला यह 50 साल पुराना मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि एक ऐतिहासिक धरोहर भी है। हिंदू संगठनों और स्थानीय लोगों की मांग को देखते हुए प्रशासन को इस मुद्दे पर जल्द निर्णय लेना चाहिए। यदि मंदिर दोबारा खुलता है, तो यह धार्मिक और सांस्कृतिक पुनर्जागरण का एक महत्वपूर्ण कदम होगा।

 

क्या आप मानते हैं कि पुराने और बंद पड़े मंदिरों का जीर्णोद्धार किया जाना चाहिए? अपने विचार हमें कमेंट में बताएं!

 

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