51 शक्तिपीठ (51 Shaktipeeths) — भाग 5: शक्तिपीठ 41–51
51 Shaktipeeths — शक्तिपीठ 41 से 51
विमला मंदिर – पुरी, ओडिशा (51 Shaktipeeths)
- गिरा अंग : पाँव
- शास्त्रीय उल्लेख : स्कंदपुराण, देवी भागवत
- विशेषता : पाँव गिरना जीवन पथ और स्थिरता का प्रतीक।
- वैज्ञानिक तथ्य : पुरी का तटीय भूगोल ऊर्जा केंद्र के रूप में ध्यान साधना के लिए अनुकूल है।
जोगुलाम्बा – अलमपुर, तेलंगाना
- गिरा अंग : ऊपरी दांत
- शास्त्रीय उल्लेख : तंत्रचूड़ामणि, देवी भागवत
- विशेषता : दांत गिरना शक्ति और बुद्धि का प्रतीक।
- वैज्ञानिक पहलू : पठारी क्षेत्र की चुंबकीय ऊर्जा साधना में सहायक।
श्री शक्तिपीठ – विभिन्न स्थान
- गिरा अंग : विभिन्न अंग
- शास्त्रीय उल्लेख : स्कंदपुराण
- विशेषता : विभिन्न अंगों के गिरने से ऊर्जा का संतुलन।
- वैज्ञानिक तथ्य : विभिन्न भौगोलिक और जल-स्रोतों के कारण ये स्थल ध्यान और साधना के लिए महत्वपूर्ण।
महालक्ष्मी मंदिर – कोल्हापुर, महाराष्ट्र
- गिरा अंग : नेत्र
- शास्त्रीय उल्लेख : देवी भागवत, स्कंदपुराण
- विशेषता : दृष्टि शक्ति और जागरूकता का प्रतीक।
- वैज्ञानिक पहलू : पश्चिम घाट की ऊर्जा और चुंबकीय क्षेत्र साधना को प्रबल बनाते हैं।
उज्जैनी महाकाली – हैदराबाद, तेलंगाना
- गिरा अंग : दाहिना हाथ
- शास्त्रीय उल्लेख : कालिका पुराण
- विशेषता : हाथ गिरना कर्म और शक्ति का प्रतीक।
- वैज्ञानिक तथ्य : नदी और पठार क्षेत्र की ऊर्जा साधना को बल देती है।
भुवनेश्वरी मंदिर – गुहागर, महाराष्ट्र
- गिरा अंग : बायाँ हाथ
- शास्त्रीय उल्लेख : स्कंदपुराण, देवी भागवत
- विशेषता : हाथ गिरना सेवा और साधना शक्ति का प्रतीक।
- वैज्ञानिक पहलू : पश्चिम घाट का चुंबकीय क्षेत्र साधना को अधिक प्रभावशाली बनाता है।
कामाख्या मंदिर – गुवाहाटी, असम
- गिरा अंग : जननांग
- शास्त्रीय उल्लेख : तंत्रग्रंथ
- विशेषता : सृजन शक्ति और प्रजनन ऊर्जा का केंद्र।
- वैज्ञानिक तथ्य : मानसून और जल स्रोतों की प्राकृतिक ऊर्जा ध्यान को तीव्र बनाती है।
शकंबरी मंदिर – संभार, राजस्थान
- गिरा अंग : मस्तक (सिर)
- शास्त्रीय उल्लेख : देवी भागवत, स्कंदपुराण
- विशेषता : मस्तक गिरना ज्ञान और चेतना का प्रतीक।
- वैज्ञानिक पहलू : रेगिस्तानी क्षेत्र में पर्वतीय ऊर्जा और धूप का संयोजन ध्यान साधना के लिए अनुकूल।
छिन्नमस्ता मंदिर – रामगढ़, झारखंड
- गिरा अंग : सिर
- शास्त्रीय उल्लेख : तंत्रग्रंथ
- विशेषता : सिर का गिरना आत्म-त्याग और आध्यात्मिक ज्ञान का प्रतीक।
- वैज्ञानिक तथ्य : जंगलों और पर्वतीय क्षेत्र की ऊर्जा ध्यान साधना को गहरा करती है।
अंबाजी मंदिर – गुजरात
- गिरा अंग : हृदय
- शास्त्रीय उल्लेख : देवी भागवत, कालिका पुराण
- विशेषता : हृदय गिरना प्रेम, करुणा और आध्यात्मिक ऊर्जा का प्रतीक।
- वैज्ञानिक पहलू : अरवली पर्वतमाला के आसपास का ऊर्जा क्षेत्र ध्यान को तीव्र बनाता है।
सप्तशृंगी मंदिर – वानी, महाराष्ट्र
- गिरा अंग : दाहिना हाथ
- शास्त्रीय उल्लेख : मार्कंडेय पुराण, देवी भागवत
- विशेषता : हाथ गिरना कर्म, साधना और सुरक्षा का प्रतीक।
- वैज्ञानिक तथ्य : सात पर्वत चोटियाँ और प्राकृतिक ऊर्जा केंद्र साधना शक्ति को बढ़ाते हैं।