3 मार्च 2022
देश के कार्य स्थलों पर सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए 4 मार्च को पूरे देश में राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया जाता है।
स्वयं की सुरक्षा से परिवार की सुरक्षा का महत्व ज्यादा होता है,परिवार की सुरक्षा से शहर की सुरक्षा का ज्यादा महत्व होता है,शहर की सुरक्षा से भी राज्य की सुरक्षा का महत्व है और सबसे ज्यादा अधिक महत्व अगर किसी का है तो वो देश की सुरक्षा का होता है,क्योंकि देश सुरक्षित तो सब सुरक्षित,इसलिए देश की सुरक्षा के लिए सभी देशवासियों को हमेशा तत्पर रहना चाहिए।
4 मार्च भारत के इतिहास का अहम दिन है,इस दिन भारतीय नोसेना को उसका पहला विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत को मिला था। साल 1957 में भारत ने इसे ब्रिटेन की रॉयल नेवी से अधूरे कंस्ट्रक्शन के साथ खरीदा था।1961 में इसका निर्माण पूरा हुआ और 4 मार्च को इसे सेवा में ले आया गया था।
विक्रांत के कारण भारत का समुद्र में दबदबा बढ़ गया था । 1971 में इंडो-पाक वाँर में इस विमान वाहक पोत के कारण पाकिस्तान के पसीने छूट गए थे।
4 मार्च 1886 में मद्रास के प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी बलूसु संबमूर्ति का जन्म भी हुआ था,ऐसे महान देशभक्तों के कारण ही आज भारत देश सुरक्षित है।
हम सभी संगठित होकर देशहित कार्य करते रहे और हम सभी आज ये संकल्प लेते है कि भारत देश की सुरक्षा के लिए हमेशा हम तैय्यार रहेंगे।
शास्त्रों में आया है कि संत सदैव सबका मंगल-सबका भला करते है,संत देश के लिए सदैव सेवा कार्य करते रहते है,आज हम सभी का कर्तव्य है कि हम संत की सुरक्षा के लिए भी एकजुट रहे क्योंकि संत हम सभी को जीवन में सही मार्गदर्शन करते रहते है, ब्रह्मज्ञानी संत के सत्संग से विश्वशांति सम्भव है।
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