हिन्दू राष्ट्र सेना के प्रमुख धनंजय देसाई सहित 20 लोग कोर्ट से आरोप मुक्त

30 January 2023

azaadbharat.org

🚩महाराष्ट्र में पुणे की एक अदालत ने साल 2014 में हुए मोहसिन नाम के एक मुस्लिम युवक की हत्या के मामले में अपना फैसला सुनाया है। कोर्ट ने इस मामले में हिन्दू राष्ट्र सेना के प्रमुख धनंजय देसाई को बरी कर दिया है। अदालत ने इसी केस में 20 सभी आरोपितों को भी सबूतों के अभाव में दोषमुक्त कर दिया है। यह फैसला शुक्रवार (27 जनवरी 2023) को आया है।

🚩मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मामले की सुनवाई अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एसबी सालुंके की अदालत में हुई। उन्होंने बचाव और अभियोजन पक्ष की दलीलें सुनीं। अपने आदेश में उन्होंने कहा कि अभियोजन पक्ष मामले में आरोपित किए गए लोगों पर आरोप सिद्ध होने लायक प्रमाण नहीं दे पाया। धनंजय देसाई ने इस फैसले पर संतोष जताया। निर्णय के बाद उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेस करते हुए अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों को इस्लामी कट्टरपंथी जिहादियों की तुष्टिकरण करने वाला बताया। धनंजय देसाई ने कहा कि उन्हें हिंदुत्व का काम करने की वजह से निशाने पर लिया गया था।

🚩मोहसिन मोहम्मद सादिक की हत्या:क्या था पूरा मामला दरअसल यह मामला पुणे के 29 वर्षीय युवक मोहसिन मोहम्मद सादिक की हत्या का था। सादिक एक प्राइवेट कम्पनी में IT मैनेजर के पद पर कार्यरत था। वह पुणे में अपने भाई मोबिन और दोस्त रियाज़ के साथ रहता था। आरोप है कि 2 जून 2014 को मृतक मोहसिन सादिक पास की एक मस्जिद से नमाज पढ़ कर लौट रहा था। तभी उसके बगल से लगभग आधे दर्जन बाइक सवार हाथों में रॉड और स्टिक लेकर गुजरे। शिकायतकर्ता का आरोप है कि बाइक सवार मोहसिन की शर्ट का हरा रंग और सिर पर गोल टोपी देख कर नाराज हो गए।

🚩शिकायत में बताया गया है कि सभी आरोपितों ने मोहसिन को बैट, स्टिक और रॉड से पीटा। आगे बताया गया कि मोहसिन ने अपने भाई मोबिन और दोस्त रियाज़ को कॉल कर के बुलाया। कुछ ही देर में पुलिस भी पहुँच गई। घायल मोहसिन को अस्पताल ले जाया गया, जहाँ उसने दम तोड़ दिया। पुलिस ने इस मामले IPC की धारा 302, 307, 143, 147, 148, 120 B और 153 A के तहत FIR दर्ज की। इस केस में हिन्दू राष्ट्र सेना के प्रमुख धनंजय देसाई को मुख्य आरोपित किया गया था। दिसंबर 2018 में मोहसिन के अब्बा भी हार्टफेल से चल बसे थे।

🚩श्री धनंजय देसाई हिंदू राष्ट्र के लिए सेवाकार्य कर रहे थे इसलिए उन्हें झूठे केस में फसाया गया, काफी समय जेल में बंद भी रहना पड़ा, आज वे निर्दोष तो बरी हुए लेकिन उनका कीमती समय, पैसा, स्वास्थ्य और इज्जत का नुकसान हुआ उसकी भरपाई कौन करेगा ?

🚩आपको बता दे की सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायधीश काटजू ने कहा था कि भारतीय न्याय प्रणाली में 50% जज भ्रष्ट है।

🚩सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश संतोष हेगड़े भी सवाल उठा चुके है कि ‘धनी और प्रभावशाली’ तुरंत जमानत हासिल कर सकते हैं। गरीबों के लिए कोई न्याय की व्यवस्था नही है।

🚩कर्नाटक हाईकोर्ट के पूर्व वरिष्ठ न्यायाधीश जस्टिस के एल मंजूनाथ ने कहा कि यहाँ सत्यनिष्ठा और ईमानदारी के लिए कोई स्थान नहीं है और इस देश में न्याय के लिए कोई जगह नहीं।

🚩देश में न्याय इसलिए देरी से मिलता है कि देश में जजों की कमी, वकीलों द्वारा पैसे ऐठने के कारण लंबा खीचना, बदला लेने या, पैसा नोचने की नीयत से झूठे केस दर्ज करना, और देश के जजों में रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार इतना बढ़ गया है कि अपराधियों को सजा और निर्दोषों को न्याय मिलना ही मुश्किल हो गया है। कई जज तो रिश्वत लेते पकड़े भी गये है।

🚩आज कोर्ट में देखो तो सामान्य आदमी ही आता है, धनी और प्रभावशाली व्यक्ति तो कोर्ट में मुद्दत पर आते ही नही है, गरीबों से वकील पैसे नोचते रहते हैं और न्यायालय से न्याय नहीं मिलता है, मिलती है तो सिर्फ तारीख…।

🚩नेता, अभिनेता, पत्रकारों, अमीरों को तो न्याय मिल जाता है लेकिन हिंदुत्वनिष्ठों और गरीबों को जल्दी न्याय नही मिल पाता है। इसलिये आज न्याय प्रणाली से देश की जनता का भरोसा उठ गया है, इसमे शीध्र सुधार करना चाहिए नही तो एक के बाद एक निर्दोष प्रताड़ित होते रहेंगे।

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