साल 2013 को 31 अगस्त की आधी रात को आशारामजी बापू को कैसे किया था गिरफ्तार ?

31 अगस्त 2020

 
आज से 7 साल पहले 31 अगस्त 2013 में ठीक रात 12 बजे 80 वर्षीय हिन्दू संत आसारामजी बापू की गिरफ्तारी हुई थी, मीडिया ने आज तक जितना उनके खिलाफ मीडिया ट्रायल चलाया होगा शायद किसी के खिलाफ नहीं चलाया होगा क्योंकि आशाराम बापू ने जिन आदिवासियों को ईसाई बना दिया गया था, उन लाखों हिंदुओं की घर वापसी करवा दी थी, करोड़ों लोगों को सनातन धर्म के प्रति कट्टर बना दिया था, सैंकड़ों गुरुकुल और 17000 से अधिक बाल संस्कार केंद्र खोलकर बच्चों को भारतीय संस्कृति के अनुसार जीवन जीने के लिए प्रेरित किया, कत्लखाने जाती हजारों गायों को बचाकर अनेकों गौशालाएं खोल दी, वेलेंटाइन डे के दिन करोडों लोगो द्वारा मातृ-पितृ पूजन शुरू करवा दिया।  विदेशों में भी उनके लाखों अनुयायी बन चुके थे और वे भारतीय संस्कृति की वहाँ प्रचार करने लगे थे, करोड़ो लोगों को व्यभिचारी से सदाचारी बना दिया उसके बाद उन करोडों लोगो ने व्यसन छोड़ दिये, सिनेमा में जाना छोड़ दिया, क्लबों में जाना छोड़ दिया, ब्रह्मचर्य का पालन करने लगे, स्वदेशी अपनाने लगे इसके कारण बहुराष्ट्रीय कंपनियों को अरबो-खरबों रुपये का घाटा हुआ और ईसाई मिशनरियों के धर्मान्तरण की दुकानें बंद होने लगीं, फिर ये पूरा सुनियोजित ढंग से षड्यंत्र रचा गया।

 

 
 
बताया जाता है कि अरबों-खरबों का कंपनियों को घाटा होना और धर्मान्तरण की दुकानें बंद होने के कारण ये हिन्दू धर्म व राष्ट्र विरोधी ताकतों ने उनके खिलाफ षड्यंत्र रचा गया। डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने बताया है कि मैंने आशाराम बापू को पहले ही बता दिया था कि आप जो धर्मान्तरण रोकने का कार्य कर रहे हैं उसके कारण वेटिकन सिटी बहुत नाराज है और वे सोनिया गांधी को बोलकर आपको जेल भेजने की तैयारी कर रहा है, पर आशारामजी बापू ने कहा कि “देश व धर्म की रक्षा के लिए सूली पर चढ़ जाऊंगा लेकिन धर्म की हानि नहीं होने दूंगा।”
 
आपको बता दें कि उनके खिलाफ षडयंत्र तो 2004 से शुरू हो गया था और 2008 में जोर पकड़ा उसमें उनके गुरुकुल के दो बच्चों की संदिग्ध रीति से मौत हो गई और उनके खिलाफ तांत्रिक विद्या बताकर मीडिया ने उनका इतना कुप्रचार किया कि आम जनता में भी रोष व्याप्त होने लगा बाद में सुप्रीम कोर्ट ने और उसके बाद में सरकार ने क्लीनचिट दी तब मीडिया ने कुछ नहीं दिखाया। 2008 में उनको जेल भेजने की तैयारी थी लेकिन उनके मंसूबे पूरे नहीं हुए लेकिन विदेशी फंड से चलने वाली मीडिया ने उनके वैदिक होली का कुप्रचार करने लगी अर्थात उनके हर हिन्दू धर्म के अनुसार कार्य की आलोचना करने लगी, उनको बदनाम करना जारी रखा।।
 
साल 2013 में उनके खिलाफ एक FIR दर्ज हुई लेकिन आपको बता दें कि आरोप लगाने वाली लड़की रहने वाली थी शाहजहांपुर (उत्तर प्रदेश) की 
थी, पढ़ती थी छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश) में, घटना जोधपुर (राजस्थान) की बात रही है और FIR करवाती है तथाकथित घटना के 5 दिन बाद दिल्ली में वो भी रात को 02:30 बजे, दिलचस्पी की बात तो ये है कि FIR में उस लड़की ने लिखवाया है कि मैं कमरे के अंदर थी और मेरे पर आशाराम बापू ने डेढ़ घण्टे तक हाथ घुमाया और मेरी माँ कमरे के बाहर गेट पर बैठी थी तो क्या लड़की चिल्ला नहीं सकती थी ? चिल्लाती तो तुरन्त ही उसकी मां को पता चल जाता। दूसरी बात की वो घटना रात को 10:30 के आसपास की बता रही थी जबकि वो जिसके घर में रुकी थी वे लोग बता रहे थे कि 10:30 बजे तो हमारे घर में थी और हमने दरवाजा को लॉक कर दिया था और कॉल डिटेल के अनुसार तथाकथित घटना के समय लड़की अपने एक मित्र से बात कर रही थी और जिनके घर पर रुकी थी उन्होंने भी बताया कि सुबह हमारे साथ लड़की हंस खेल रही थी हम उनको स्टेशन पर भी छोड़कर आये फिर उनको अचानक क्या हुआ कि FIR कर दिया। FIR करने के बाद आरोप लगाने वाली लड़की को उसकी सहेली ने पूछा कि ऐसे झूठे आरोप क्यो लगा रही है ?? तो उसने जवाब दिया कि मेरे को मेरे माता-पिता जैसे बोल रहे हैं वैसा कर रही हूं। और जो लड़की तथाकथित घटना बता रही है तो उस समय तो आशाराम बापू किसी कार्यक्रम में थे उनके साथ 50-60 लोग भी थे उन्होंने कोर्ट में गवाही भी दिया है।
 
आपको बता दें कि जब लड़की का मेडिकल करवाया तो उसमें एक खरोंच का निशान तक भी नहीं आया अर्थात लड़की के साथ कुछ हुआ ही नहीं और FIR में भी लिखा है कि रेप हुआ ही नहीं सिर्फ हाथ घुमाया। मेडिकल में वो भी बात खारिज हो गई लेकिन मीडिया ने दुष्प्रचार किया कि लड़की के साथ रेप हुआ है, जबकि खुद जांच ऑफिसर अजय पाल लाम्बा ने बताया कि रेप का आरोप है ही नहीं, छेड़छाड़ का आरोप है फिर भी विदेशी फंडेड मीडिया उनको बदनामी करती रही।
 
आपको ये भी बता दें कि वरिष्ठ अधिवक्ता सज्जन राज सुराणा ने न्यायालय में साजिश का खुलासा करते हुए आगे बताया कि Prosecution Witness PW-06 मणाई फार्म हाउस के मालिक रामकिशोर ने ये कहीं नहीं कहा कि 15/08/2013 को लड़की या उसके माता-पिता रात्रि को 10 बजे कुटिया या कुटिया के आस-पास गए तो फिर जो रेप कमिट हुआ क्या वो हवा में रेप कमिट हुआ ? इन्होंने उसके existence को ही नकार दिया । 
 
अब question ये पैदा होता है कि ये लड़की आखिर आरोप क्यों लगा रही है ? इसके लिए हमने जिज्ञासा भावसर का स्टेटमेंट रीड किया । इसमें अमृत प्रजापति, कर्मवीर, राहुल सचान, महेंद्र चावला आदि जो बहुत से गवाह थे उन्होंने मिलकर conspiracy (षड़यंत्र) की । उनके अहमदाबाद स्थित आश्रम को एक फैक्स भेजा था जिसमें अमृत प्रजापति व उनके साथियों के द्वारा ये कहा गया था कि 50 करोड़ रुपये दो वरना परिणाम भुगतने के लिए तैयार हो जाओ । हम झूठी लड़कियां तैयार करेंगे, प्लांट करेंगे जिसके कारण बापूजी जिंदगी भर तक जेल में रहेंगे, कभी बाहर नहीं आ सकेंगे ।
 
इस बात के लिए conspiracy वडोदरा (गुजरात) में की गई थी। जिसमें दीपक चौरसिया (इंडिया न्यूज़) भी शामिल था जो मीडिया के ऊपर प्रचार प्रसार कर रहा था, कर्मवीर (परिवादिया का पिता) भी शामिल था । सबने मिलकर जो conspiracy की थी वो जिज्ञासा भावसार के सामने की थी। इन सबका जो एक motive था, वो 50 करोड़ की ब्लैकमेलिंग का था । 50 करोड़ नहीं देने के कारण से मणाई गाँव का पूरा घटनाक्रम बनाया गया है ।
 
इस तरीके से सुनियोजित षड्यंत्र रचा गया और उनको 80 उम्र में आधी रात को गिरफ्तार कर लिया और कोर्ट में चल रहे ट्रायल जिस समय अपराध सिद्ध नहीं हुआ ऐसे 5 साल तक केस चला लेकिन उनको जमानत नही दी गई जबकि उनके केस की पैरवी दिग्गज नेता सुब्रमण्यम स्वामी भी पैरवी कर चुके हैं और उनको लड़की के बयान को सही मानते हुए POCSO एक्ट लगाकर सेशन कोर्ट ने उम्रकैद सजा सुना दी जबकि लड़की बालिग थी उसके अलग अलग बर्थ सर्टिफिकेट से साबित भी हुआ था और उनके पास निर्दोष होने के अनेक प्रमाण हैं फिर भी सजा सुना दी। आपको बता दें कि निचली अदालत के कई फैसले हाईकोर्ट ओर सुप्रीम कोर्ट बदल देती है क्योंकि कई बार जल्दबादी में गलत निर्णय ले लिया जाता है खेर जब वे ऊपरी कोर्ट में जायेंगे निर्दोष बरी होंगे लेकिन उनका देश व धर्म के लिए कार्य करने का इतना कीमती समय कौन लौटा पायेगा?
 
 जो न्यायालय सलमान खान को निचली अदालत से सजा होने के बाद भी ऊपरी कोर्ट तुरंत जमानत दे देती है और आतंकवादीयों के हथियार रखने वाले संजय दत्त को बार बार पेरोल देती रही वो ही न्यायालय हिंदू संत आसाराम बापू को 7 साल में एक दिन भी जमानत अथवा पेरोल नही दे पाई।
 
जो कानून पूरे भारत में कोरोना फैलाने वाले मौलाना साद को और दिल्ली के इमाम बुखारी पर सैंकड़ों गैर जमानती वारंट होने के बाद भी आजतक गिरफ्तार नहीं कर पाई वही कानून हिंदू संत आशाराम बापू को 7 साल से जेल में रखे है और मीडिया भी सिर्फ हिंदू धर्म के साधु-संतों के खिलाफ झूठी कहानियां बनाकर बदनाम करती है वही मीडिया इन सबपर चुप है और सेक्युलर हिंदू तो वामपंथी मीडिया की बात को मानकर अपने ही धर्मगुरुओं के खिलाफ बोलना चालू कर देते हैं।
 
इसलिए हिंदू अब समझ जाओ की सनातन धर्म की रक्षा करने वालों को कैसे फंसाया जाता है।
 
 
Official  Links:👇🏻
 
🔺 Follow on Telegram: https://t.me/ojasvihindustan
 
 
 
 
 
🔺 Pinterest : https://goo.gl/o4z4BJ
Translate »