वेब सीरीज वाले हिंदू धर्म के साथ-साथ राष्ट्र विरोधी भी बन गए, कर रहे हैं क्रांतिकारियों का अपमान !

19 अगस्त 2020

 
हिंदुत्व जिस प्रकार से पहले बॉलीवुड और अब वेब सीरीज ने निशाना बनाया है और जितना आघात सनातन धर्म को तथाकथित मनोरंजन ने दिया है संभवतः उतना आघात बड़े से बड़े और क्रूर से क्रूर मजहबी आक्रांता और विदेशी लुटेरे भी नहीं दे पाए होंगे।  लेकिन अब यह सिलसिला हिंदू देवी देवताओं, साधू-संतों से भी आगे चलकर देश की स्वतंत्रता के लिए प्राण देने वाले क्रांतिवीरों तक पहुंच चुका है।
 

 

 
ट्रायल के रूप में पहला निशाना लगाया गया है देश के लिए सबसे कम उम्र में फांसी चढ़े और हाथ में श्रीमद्भागवत गीता लेकर बलिदान देने वाले अमर बलिदानी खुदीराम बोस को, यह वही खुदीराम बोस थे जिन्होंने बलिदान होने से पहले कहा था कि- मैं बहुत ही गरीब हूं और मेरे पास मेरी भारत मां को देने के लिए मेरे प्राणों के अतिरिक्त कुछ नहीं था और आज मैं उसे दे रहा हूं। ना जाने कैसे हिम्मत हो गई उस अमर बलिदानी के अपमान की…।
 
ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज अभय 2 वेब सीरीज में एक सीन में क्रिमिनल बोर्ड पर शहीद खुदीराम की फोटो दिख रही है। खुदीराम की फोटो शेयर करते हुए यूजर्स ने चैनल जी 5 को बायकॉट करने की मांग कर डाली है।
 
हालांकि सोशल मीडिया पर विरोध होने पर सीरीज के डायरेक्टर केन घोष की ओर से माफी मांगी गयी और बताया गया कि ऑड‍ियंस की ओर से मिले फीडबैक को याद में रखते हुए हमने अभय 2 के इस सीन में तस्वीर को ब्लर कर दिया है। लेकिन ये कैसी माफी ? ब्लर क्यों किया उसको हटाया क्यों नहीं ? इससे साफ पता चलता है कि इनका इरादा था क्रांतिकारी खुदीराम बोस को अपमानित करने का।
 
आपको बता दें कि बॉलीवुड का हिन्दूफोबिया थमता नहीं दिख रहा है। अभी महेश भट्ट की ‘सड़क-2’ को लेकर विवाद ख़त्म भी नहीं हुआ था कि प्रकाश झा अपनी नई सीरीज ‘आश्रम’ लेकर आ धमके हैं। इसमें वे एक बाबा को विलेन बना कर आस्था और अपराध के संयोग को दिखाने का दावा कर रहे हैं।
 
दिलचस्प बात ये है कि बाबा को दिखाया तो गया है सूफी वाले लुक्स में लेकिन आश्रम में यज्ञाग्नि, शुद्ध हिंदी और उसके अनुयायियों को देख कर स्पष्ट पता चलता है कि ये सीरीज हिन्दुओं और हिन्दू साधु-संतों को बदनाम करने के लिए बनाई गई है। इसके बाद बाबा को बलात्कारी और खूनी दिखाया जाता है।
 
बॉलीवुड में अक्सर पंडितों और साधु-संतों को धोखेबाज और बलात्कारी दिखाया जाता रहा है, जबकि मुस्लिम किरदारों को ईमानदार और देश के लिए मर-मिटने वाला प्रदर्शित किया जाता रहा है। इसी तरह ‘सड़क-2’ में भी महेश भट्ट एक ऐसी कहानी लेकर आ रहे हैं, जिसमें एक साधु को बुरा दिखाया जाएगा और उसके काले कृत्यों का खुलासा किया जाएगा। इसमें भी एक डरावने बाबा को विलेन दिखाया गया है। और “आश्रम” वेब सीरीज में भी साधु-संतों को बदनाम किया गया है।
 
यह सिलसिला अभी से नहीं चल रहा है अपितु जबसे बॉलीवुड बना है तबसे चल रहा है और सबसे बड़ी बात तो यह है कि हिंदू ही उनकी फ़िल्में देखकर हिट करवाते हैं अगर पहले से ही उनकी फ़िल्में देखने नहीं जाते तो इनकी अक्ल अभी तक ठिकाने आ जाती लेकिन सभी सोशल मीडिया के कारण काफी हिंदू जागरूक भी हुए हैं और उनकी फिल्मों का बहिष्कार कर रहे हैं लेकिन अभी इसका संपूर्ण बहिष्कार करना होगा और देश व सनातन धर्म विरोधी फिल्मों को यूट्यूब पर इसको रिपोर्ट और डिसलाइक जरूर करें साथ मे इनको करारा जवाब दें और फिल्मे देखे ही नहीं। … इससे इनकी औकात पता चलेगी और राष्ट्र व सनातन धर्म विरोधी फिल्मे बनाना बंद कर देंगे।
 
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