विदेशों में संस्कृत भाषा अनिवार्य।

28 मई 2022

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🚩अंग्रेजों के देश लंदन-ब्रिटिश की स्कूलों में भारत की संस्कृत भाषा अनिवार्य।

🚩भारत के स्कूलों में अंग्रेजी अनिवार्य।

🚩देश के सभी हिन्दुओ की मांग है कि भारत के सभी स्कूलों में संस्कृत भाषा अनिवार्य हो।

🚩लंदन के स्कूलों में संस्कृत भाषा अनिवार्य कर दिया है,क्योंकि इसमें गणित , विज्ञान समेत अन्य भाषाएं बेहतर तरीके से सीखी जा सकती है।

🚩संस्कृत भाषा प्रमुख वारविक जेसप ने कहा कि संस्कृत भाषा विश्व में सबसे बढ़िया भाषा है।जेसप जी कहते कि संस्कृत भाषा परिपूर्ण भाषा है।

🚩संस्कृत को वैज्ञानिक भाषा कहा जाता है। इस भाषा में जो बोला जाता है, वही लिखा जाता है, यह ग़लत तो नहीं है, लेकिन जब एक भाषा को दुनिया की सबसे वैज्ञानिक भाषा बताया जा रहा हो तो इतने भर से बात नहीं बनती ।

🚩वैज्ञानिक कहते हैं कि दरअसल संस्कृत भाषा का व्याकरण ध्वनि पर आधारित है,इसमें (शब्द की) आकृति से ज़्यादा ध्वनि की महत्ता है और हरेक आकृति के लिए एक ही ध्वनि है, यह गुण इसे सीखने वाले के लिए इसे आसान बनाता है।

🚩कई लोगों का कहना है कि संस्कृत में अंग्रेज़ी जैसी उलझन नहीं है, जिसमें Son और Sun की वर्तनी अलग-अलग होने के बाद भी उनका उच्चारण एक सा है या But और Put की वर्तनी एक सी होने के बावजूद उनका उच्चारण अलग-अलग है,हालांकि यह उलझन उन्हीं लोगों के लिए है जो किसी भी कारणवश अंग्रेज़ी से बिलकुल परिचित नहीं हैं।

🚩बहरहाल, संस्कृत की यही विशेषता उसे बोलने की क्षमता बढ़ाने में मदद करने वाली भाषा भी बनाती है, दुनियाभर में ऐसे लोग हैं जिनके होंठ या जीभ में दरार होती है, इसे क्लेफ़्ट पैलेट या क्लेफ़्ट लिप कहते हैं, इस समस्या से साफ़ बोलने में दिक़्क़त होती है, ऐसे में स्पीच थेरेपी के लिए डॉक्टर जिन तरीक़ों का इस्तेमाल करते हैं, उनमें संस्कृत भी शामिल है।

🚩 क्योंकि इसका उच्चारण क्रम काफ़ी स्पष्ट होता है. मुंह के किस हिस्से (कण्ठ, दांत, तालु, होंठ) से कौन सी ध्वनि निकलेगी, यह पता होने के चलते यह जानना आसान हो जाता है कि क्लिफ़्ट पैलेट या लिप की समस्या के चलते मरीज़ को कौन से शब्द बोलने में मुश्किल होती है और उसे कैसी सर्जरी से दूर किया जा सकता है। इसके अलावा मनोविज्ञान और आध्यात्मिक सुधार में भी संस्कृत का उपयोग होता रहा है।

🚩इस बारे में 1985 में ‘आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस’ नामक पत्रिका में छपा एक लेख ध्यान खींचता है,उसमें नासा से जुड़े रहे एक वैज्ञानिक रिक ब्रिग्स ने लिखा था कि प्राकृतिक रूप से बनी भाषाएं (सीधे कहें तो ह्यूमन लैंग्वेज) एआई तकनीक के लिए उपयोगी हो सकती हैं, उनके मुताबिक़ इनसे कंप्यूटर प्रोग्रामिंग के ज़रिये मशीनों का नियंत्रण ज़्यादा आसान होगा,इसी आधार पर रिक ब्रिग्स ने संस्कृत पर चर्चा की और इसे एआई के लिए सबसे उपयोगी प्राकृतिक भाषाओं में से सर्वश्रेष्ठ बताया।

🚩संस्कृत की वैज्ञानिकता व्याकरणिक रूप से विशुद्ध और सही जानकारी देने वाली भाषा है, इसे इसलिए वैज्ञानिक भाषा माना जाता है कि पाणिनी और अन्य संस्कृत वैयाकरणों ने क्रमबद्ध अध्ययन कर सूत्रीय पद्धति पर संस्कृत व्याकरण क्रमबद्ध अध्ययन कर सूत्रीय पद्धति पर संस्कृत व्याकरण तैयार किया।

🚩सभी ने संस्कृत भाषा को सबसे बढ़िया माना है और कई देशों में संस्कृत भाषा अनिवार्य रूप से स्कुलों में पढ़ाई जा रही है,भारत के करोड़ो लोगों की भी मांग है कि भारत के सभी स्कूलों में संस्कृत अनिवार्य रूप से पढ़ाया जाय।

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