मुसलमानों द्वारा देशभर के राम मंदिरों पर हुए हमलों के पीछे तब्लीगी जमात का पूर्वनियोजित प्लान।

14 अप्रैल 2022

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🚩तब्लीगी जमात के एजेंडे से अनजान है भारत देश, तब्लीगी जमात का उद्देश्य है,हिन्दुओ को नुकसान पहुचाना।

🚩हमारे दल विविध इस्लामी नेताओं संस्थानों संगठनों आदि को सम्मान अनुदान संरक्षण तो देते रहते हैं पर उनके काम का आकलन कभी नहीं करते।

🚩तब्लीगी जमात का नाम अभी घर-घर पहुंच जाने के बाद भी उसके काम और उद्देश्य के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं।

🚩 पूछने पर बड़े-बड़े विद्वान और नेता भी बगलें झांकने लगते हैं, जबकि तब्लीगी जमात लगभग 100 सालो से काम कर रही है। इसका उद्देश्य बिल्कुल स्पष्ट है,हिन्दुओ को नुकसान पहुचाना।

🚩तब्लीग जमात मुसलमानों के बीच हरेक गैर-इस्लामी चीज छोड़ने का प्रचार करती है। खान-पान, जीवन-शैली, पोशाक, मान्यताएं, संसर्ग, भाषा, आदि सब कुछ।

🚩तब्लीगी जमात में प्रशिक्षित मुसलमानों ने देशभर में तब्लीगी मिशन चलाया और इससे देश में मजारे और मस्जिदों की संख्या तेजी से बढ़ने लगी।

🚩स्वामी श्रद्धानंद की हत्या के बाद ही तब्लीगी जमात की खबर प्रमुखता से समाचारों में आयी।

🚩कुछ लोग तब्लीगी जमात के गैर-राजनीतिक रूप और राजनीतिक इस्लाम में अंतर करते हैं, पर यह नहीं परखते कि प्रचार किस चीज का हो रहा है? शांतिपूर्ण प्रचार और जिहाद एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। इसे जगह, समय और काफिरों की तुलनात्मक स्थिति देखकर तय किया जाता है।

🚩1992-93 में भारत में कई मंदिरों पर हमले में तब्लीगी जमात का नाम उभरा था। न्यूयॉर्क में आतंकी हमले के बाद तो वैश्विक अध्ययनों में भी उसका नाम बार-बार आया। अमेरिका के अलावा मोरक्को, फ्रांस,फिलीपींस, उज्बेकिस्तान और पाक में सरकारी एजेंसियों ने जिहादियों और तब्लीगियों में गहरे संबंध पाए थे।

🚩तब्लीगी जमात की सफलता में उसकी एकनिष्ठता का बड़ा हाथ है। वे पदों-कुर्सियों के फेर में नहीं रहे। वे हिंदू नेताओं, बौद्धिकों के अज्ञान का भी चुपचाप दोहन करते हैं। इसीलिए उनका अंतरराष्ट्रीय केंद्र राजधानी दिल्ली में एक पुलिस स्टेशन के समीप होने पर भी बेखटके चलता रहा।

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