मीडिया ने एक बड़ी खबर कर दी गायब, इसे क्या कहें साजिश या दोगलापन ?

22 मई 2019
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🚩इलेक्ट्रॉनिक मीडिया हो या प्रिंट मीडिया, जब कोई किसी हिंदू कार्यकर्ता या हिंदू साधु-संतों के ऊपर साजिश के तहत झूठा मुकदमा दर्ज करवाता है तो उस खबर को लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में दिन-रात खबरें चलती हैं, बड़ी-बड़ी झूठी कहानियां बनाते हैं, डिबेट चलाते हैं उस डिबेट में सेकुलर, तथाकथित बुद्धजीवी भी पहुँच जाते हैं, अपनी राय देते हैं कि हिंदू साधु-संतों को ऐसा नहीं करना चाहिए, जबकि उन संतों पर झूठे आरोप होते हैं, प्रिंट मीडिया भी बड़े-बड़े हेडिंग के साथ खबरें छापती है पर किसी मौलवी या ईसाई पादरी पर सहीं आरोप लगे तब ये सब चुप रहते हैं ।
🚩आपको बता दें कि हाल ही में  बलात्कारी ईसाई पादरी सहित 6 को उम्रकैद मिली है पर इस खबर को छुपाया गया और कोई बुद्धजीवी इसपर बहस के लिए आगे नहीं आया ।

🚩आपको बता दें कि झारखंड के खूंटी के अड़की प्रखंड के कोचांग गांव में आरसी मिशन स्कूल की पांच लड़कियों से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में अदालत ने अपना फैसला सुना दिया है । अदालत गैंगरेप के आरोपी ईसाई पादरी सहित सभी 6 दरिंदों को उम्रकैद की सजा सुनाई है । न्यायाधीश राजेश कुमार की अदालत ने ये फैसला सुनाते हुए कहा कि सजा के अलावा दोषियों को डेढ़-डेढ़ लाख रुपए का जुर्माना भी देना होगा । जुर्माना नहीं देने की स्थिति में 3 साल की अतिरिक्त जेल काटनी होगी ।
🚩बता दें कि पिछले साल 19 जून को झारखण्ड के खूंटी के अड़की प्रखंड के कोचांग गांव में आरसी मिशन स्कूल से पांच लड़कियों को अगवा कर लिया गया था। अगवा करने के बाद लड़कियों को जंगल ले जाया गया था तथा जंगल ले जाकर उनके साथ गैंगरेप किया गया । उनको भयंकर प्रताड़ित किया गया और इस दौरान उनका वीडियो भी बनाया गया । स्कूल के प्रिंसिपल फ़ादर अल्फ़ांसो आइंद की मौजदगी में ही इन लड़कियों को उठाया गया था । बाद में उन्हें पुलिस ने घटना की जानकारी नहीं देने के आरोप में गिरफ़्तार किया था ।
🚩सामूहिक दुष्कर्म की शिकार पीड़ित लड़कियां एक नाटक मंडली का हिस्सा थीं और मानव तस्करी के खिलाफ जागरुकता फैलाने के लिए नुक्कड़ नाटक करने कोचांग पहुंची थीं। नुक्कड़ नाटक के दौरान ही दो मोटरसाइकिलों पर सवार पांच लोग वहां पहुंचे और सभी को उनकी ही कार में बैठाकर जबरन जंगल की ओर लेकर चले गए । जहां पहले लड़कियों के साथ गैंगरेप किया गया । प्रताड़ित किया और इनके पुरुष साथियों को पेशाब पिलाया गया इस घटना के बाद देश आक्रोश से भर उठा था दरिंदों को फांसी की सजा की मांग की थी। – स्त्रोत : सुदर्शन न्यूज़
🚩आपको बता दें कि किसी भी हिंदू साधु-संत द्वारा किसी भी महिला के साथ ऐसा अत्यचार या सामुहिक बलात्कार नहीं किया गया फिर भी मीडिया उनको झूठी कहानियां बनाकर बदनाम करती है । जैसे कि हिंदु संत आसाराम बापू का मामला देख लें, उन्होंने 50 साल तक समाज उत्थान के कार्य किये, करोड़ों लोगों को अपने धर्म के प्रति जागरूक किया, धर्मांतरण पर रोक लगाई, करोड़ों के व्यसन छुड़ाये, विदेशों में भारतीय संस्कृति का परचम लहराया, 14 फरवरी को देश-विदेश में मातृ-पितृ पूजन शुरू करवाया तो उन पर एक छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज किया, जिसमें मेडिकल प्रूफ नहीं है, तथाकथित घटना के समय लड़की वहाँ नहीं थी फिर भी उनको सजा सुना दी और मीडिया ने उनको खूब बदनाम किया पर उनके द्वारा उनके किये गए लोकहित सेवाकार्य नहीं दिखाए और ना ही साजिश के तहत मुकदमा दर्ज किया वो दिखाया, उन मीडिया हाउसेज का तो मकसद था बस हिंदू साधु-संतों को बदनाम करने का इसलिए 24 घण्टे कई महीनों तक यही खबरे दिखाते रहे ।
🚩दूसरा मामला बाबा राम रहीम का है उन्होंने लाखों लोगों के नशे छुड़वाए, फिल्मों के माध्यम से लोगों को सहीं रास्ता दिखाया तो उनको भी एक पुराने मामले में सजा सुना दी, जबकि लड़की सामने आई ही नहीं और ना ही कोई मेडिकल प्रूफ है फिर भी मीडिया ने बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ी ।
🚩जब शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती, स्वामी नित्यानंद जी, कृपालु महाराज, साध्वी प्रज्ञा ठाकुर आदि पर आरोप लगे तब भी मीडिया ने खूब बदनाम किया, लेकिन उनको जब निर्दोष साबित बरी किया गया तब सब मीडिया चुप हो गई ।
🚩इसे मीडिया का असली दोगलापन कहो या हिंदू संस्कृति के आधार स्तंभ साधु-संतों को बदनाम करने की साजिश कहो या जो भी कहो पर सच्चाई यही है कि किसी मौलवी या ईसाई पादरी पर सहीं आरोप लगता है तब खबरें गायब हो जाती हैं और हिंदू साधु-संतों पर झूठे आरोप लगते हैं तब मीडिया 24 घण्टे खबरें दिखाती है ।
🚩देशवासी बिकाऊ और दोगली मीडिया से हमेशा सावधान रहें ।
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