महावीर जयंती की हार्दिक शुभकामनाए।

13 अप्रैल 2022

http://azaadbharat.org

🚩जैन धर्म के चौबीसवें और अंतिम तीर्थंकर भगवान महावीर का जन्मकल्याणक महोत्सव चैत्र शुक्ल त्रयोदशी (इस वर्ष 14 अप्रैल) के दिन सम्पूर्ण विश्व में बहुत धूमधाम से मनाया जाएगा।

🚩भगवान महावीर ने पांच सिद्धांत बताए, जो समृद्ध जीवन और आंतरिक शांति की ओर ले जाते हैं। यह सिद्धांत हैं- अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह।

🚩जैसे हर संत के जीवन में देखा जाता है,वैसे महावीर स्वामी के समय भी देखा गया…… जहाँ उनसे लाभान्वित होनेवाले लोग थे, वहीं समाजकंटक निंदक भी थे ।

🚩उनमें से पुरंदर नाम का निंदक बड़े ही क्रूर स्वभाव का था । वह तो महावीर जी के मानो पीछे ही पड़ गया था । उसने कई बार महावीर स्वामी को सताया, उनका अपमान किया पर संत ने माफ कर दिया ।

🚩एक दिन महावीर स्वामी (Mahavir Swami) पेड़ के नीचे ध्यानस्थ बैठे थे । तभी घूमते हुए पुरंदर भी वहाँ पहुँच गया । वह महावीर जी को ध्यानस्थ देख आग-बबूला होकर बड़बड़ाने लगा ,अभी इनका ढोंग उतारता हूँ,अभी मजा चखाता हूँ….।

🚩और आवेश में आकर उसने एक लकड़ी ली और उनके कान में खोंप दी । कान से रक्त की धार बह चली लेकिन महावीर जी के चेहरे पर पीड़ा का कोई चिह्न न देखकर वह और चिढ़ गया और कष्ट देने लगा ।

🚩इतना सब होने पर भी महावीरजी किसी प्रकार की कोई पीड़ा को व्यक्त किये बिना शांत ही बैठे रहे । परंतु कुछ समय बाद अचानक उनका ध्यान टूटा, उन्होंने आँख खोलकर देखा तो सामने पुरंदर खड़ा है । उनकी आँखों से आँसू झरने लगे ।

🚩पुरंदर ने पूछा : क्या पीड़ा के कारण रो रहे हो ?
महावीर स्वामी :नहीं, शरीर की पीड़ा के कारण नहीं,
पुरंदर : तो किस कारण रो रहे हो ?

🚩“मेरे मन में यह व्यथा हो रही है कि मैं निर्दोष हूँ फिर भी तुमने मुझे सताया है तो तुम्हें कितना कष्ट सहना पड़ेगा ! कैसी भयंकर पीड़ा सहनी पड़ेगी ! तुम्हारी उस पीड़ा की कल्पना, करके मुझे दुःख हो रहा है ।”

🚩यह सुन पुरंदर मूक हो गया और पीड़ा की कल्पना से सिहर उठा ।

🚩पुरंदर की नाई गोशालक नामक एक कृतघ्न गद्दार ने भी महावीर स्वामी (Mahavir Swami) को बहुत सताया था ।

🚩 महावीरजी के 500 शिष्यों को उनके खिलाफ खड़ा करने का उसका षड्यंत्र भी सफल हो गया था । उस दुष्ट ने महावीर स्वामी जी को जान से मारने तक का प्रयत्न किया लेकिन जो जैसा बोता है उसे वैसा ही मिलता है । धोखेबाज लोगों की जो गति होती है, गोशालक का भी वही हाल हुआ ।

🚩अतः निंदको व कुप्रचारको ! अब भी समय है, कर्म करने में सावधान हो जाओ । अन्यथा जब प्रकृति तुम्हारे कुकर्मों की तुम्हें सजा देगी उस समय तुम्हारी वेदना पर रोनेवाला भी कोई न मिलेगा ।

🔺 Follow on Telegram: https://t.me/ojasvihindustan

🔺 Ojasvi Hindustan

🔺 youtube.com/AzaadBharatOrg

🔺 twitter.com/AzaadBharatOrg

🔺.instagram.com/AzaadBharatOrg

🔺 Pinterest : https://goo.gl/o4z4BJ

Translate »