भारत के 6 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों में हिन्दु बन गया हैं, अल्पसंख्यक

10 November 2022

azaadbharat.org

🚩अखण्ड भारतवर्ष के कई टुकड़े कर दिए गए और कई देश बना दिए गए, आज का जो भारत हमारे पास है,वो भारतवर्ष का महज एक छोटा टुकड़ा मात्र है,क्योंकि अभी जितनी भूमि भारत देश में है, उससे कई गुना ज्यादा भूमि पर अलग देश बन चुके हैं।

🚩हमारे पास अभी जो भारत देश है, उसमे मूलनिवासी हिंदू (आर्य ) पूरे भारतवर्ष मे थे,लेकिन विदेशी आक्रमणकारियों ने भारत के टुकड़े कर दिए और आज भारत के ही कई राज्यों में हिन्दू एकदम अल्पसंख्यक हो गए हैं, उसमे बाकी जो बचे है, उनको भी जबरदस्ती धर्मपरिवर्तन करने या यातनायें देकर भगाने की साजिश रची जा रही है। भले हिन्दू निश्चिंत हों लेकिन रिपोर्ट चौकाने वाली है।

🚩भारत के 6 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों में हिन्दु अल्पसंख्यक बन गया हैं।

🚩लद्दाख में 1% हिन्दू हैं, मिजोरम में 2.75%, लक्षद्वीप में 2.77%, कश्मीर में 4%, नागालैंड में 8.74%, मेघालय में 11.52%, अरुणाचल प्रदेश में 29%, पंजाब में 38.49% और मणिपुर में 41.29% हिन्दू हैं।

🚩हिन्दुओं को मिलेगा अल्पसंख्यक का दर्जा ? सुप्रीम कोर्ट में हो रही सुनवाई…..

🚩केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से उन राज्यों में हिंदुओं को अल्पसंख्यक का दर्जा देने की माँगों पर विचार-विमर्श पूरा करने के लिए समय माँगा है, जहाँ उनकी संख्या दूसरों (धर्म या मजहब) से कम हो गई है। केंद्र का कहना है कि मामला संवेदनशील है और इसके दूरगामी प्रभाव होंगे। ‘इंडियन एक्सप्रेस’ की रिपोर्ट के अनुसार, एडवोकेट अश्विनी कुमार उपाध्याय और अन्य की याचिकाओं के जवाब में सोमवार ( 31 अक्टूबर, 2022) को दायर अपने चौथे हलफनामे में, केंद्र ने कहा कि उसे इस मुद्दे पर अब तक 14 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों से टिप्पणियाँ मिली हैं और अन्य राज्यों को जल्द से जल्द मामले में उनके विचार भेजने के लिए रिमाइंडर भेजा है ।

🚩याचिकाकर्ताओं ने परामर्श प्रक्रिया की कानूनी पवित्रता पर संदेह व्यक्त करते हुए कहा है कि इस मामले में फैसले के बाद केंद्र किसी को भी अल्पसंख्यक के रूप में अधिसूचित नहीं कर सकता है। याचिकाकर्ताओं ने कहा कि राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम, 1992 के तहत जो भी विचार-विमर्श किया जा रहा है, वह किसी राज्य में किसी को भी अल्पसंख्यक दर्जा की पुष्टि नहीं कर सकता।

🚩दरअसल, याचिकाकर्ताओं ने टीएमए पई मामले में सुप्रीम कोर्ट के 2002 के ऐतिहासिक फैसले पर भरोसा जताया है। टीएमए पई मामले में, सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्धारित किया कि अनुच्छेद 30 के प्रयोजनों के लिए धार्मिक और भाषाई अल्पसंख्यकों को राज्य स्तर पर पहचानना होगा। अनुच्छेद 30 अल्पसंख्यकों के शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना और प्रशासन के अधिकारों से संबंधित है। उपाध्याय की याचिका में कहा गया है कि 2002 के टीएमए पई फैसले के बाद 23 अक्टूबर, 1993 की अधिसूचना के द्वारा केंद्र सरकार ने मुस्लिमों, ईसाइयों, सिखों, बौद्धों और पारसियों को अल्पसंख्यक के रूप में अधिसूचित किया था। 2014 में केंद्र सरकार ने जैनियों को इस सूची में जोड़ा था।

🚩केंद्र ने अपने हलफनामे में कहा कि 14 राज्य सरकारें जैसे पंजाब, मिजोरम, मेघालय, मणिपुर, ओडिशा, उत्तराखंड, नागालैंड, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, गोवा, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और 3 केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख, दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव और चंडीगढ़ ने अपने विचार प्रस्तुत किए हैं। सुनवाई के बाद कोर्ट ने केंद्र सरकार को मामले में छह माह की मोहलत दे दी।

🚩इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि धार्मिक या भाषाई अल्पसंख्यकों का निर्धारण जिला स्तर पर नहीं किया जा सकता, ये राज्य स्तर पर होना चाहिए। 1993 की एक अधिसूचना में केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय स्तर पर मुस्लिम, सिख, जैन और बौद्ध और पारसी समाज को अल्पसंख्यक घोषित किया था। याचिका में इसे जिला स्तर पर तय किए जाने की माँग की गई थी।

🚩याचिकाकर्ता ने बताया था कि लद्दाख में जहाँ 1% हिन्दू हैं, मिजोरम में 2.75%, लक्षद्वीप में 2.77%, कश्मीर में 4%, नागालैंड में 8.74%, मेघालय में 11.52%, अरुणाचल प्रदेश में 29%, पंजाब में 38.49% और मणिपुर में 41.29% हिन्दू हैं।

🚩केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से उन राज्यों में हिंदुओं को अल्पसंख्यक का दर्जा देने की माँगों पर विचार-विमर्श पूरा करने के लिए समय माँगा है, जहाँ उनकी संख्या दूसरों (धर्म या मजहब) से कम हो गई है।

🚩भारत मे हिन्दू ख़त्म किये जा रहे है। अगर अब भी हिन्दू नहीं जागे तो समाप्त होते चले जाएंगे। हिन्दुओं के खात्मे की बड़ी भयंकर साजिश रची जा रही है।

🚩गौरतलब है कि आजतक जिन्होंने भी हिन्दू धर्म की हित की बात की, धर्मांतरण पर रोक लगाई, हिन्दुओ की घर वापसी करवाई, विदेशी कम्पनियों का बहिष्कार करवाया, पाश्चात्य संस्कृति का विरोध किया उन हिन्दू साधु-संतों एवं कार्यकताओं के खिलाफ सुनियोजित षडयंत्र करके उनकी हत्या करवा दी या मीडिया द्वारा बदनाम करवाकर कुछ राजनेताओं से मिलकर जेल में भिजवा दिया ।

🚩अतः हिन्दू आज भी एकजुट होकर इन षडयंत्रों का विरोध नहीं करेंगे तो एक के बाद एक हिन्दुओं को नष्ट कर दिया जायेगा और हिन्दू अल्पसंख्यक होते जायेंगे ।

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