न्यायालय में निर्दोषों को सजा क्यों???

16 July 2022

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🚩सर्वोच्च न्यायालय के जज बतायें कौन सी धारा के तहत मुकेश जैन पर 10 लाख का जुर्माना लगाया – दारा सेना

🚩कई निर्दोष हिन्दू संतो को भी न्याय तो दुर सालों से बेल तक नही मिल रही है, क्या न्यायालय देशद्रोही न्यायाधीशों का अड्डा बन चुका है ???

🚩धर्म रक्षक श्री दारा सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश जैन के वकील डॉ. ए पी सिंह ने कहा कि मुकेश जैन को राजनीतिक बदले की भावना से पूरी तरह से झूठा फंसाया गया है, वे पूरी तरह से निर्दोष है।

🚩दारा सेना ने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुकेश जैन के पक्ष एक प्रेस ‌विज्ञप्ति जारी कर को 14 महीने ओड़िशा पुलिस और सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रह चुके जजों द्व़ारा साजिशन कानून का उल्लंघन करके उन पर 10 लाख रुपए का जुर्माना करने, जेल में डालना और उनकी हत्या करने की साजिश की सी बी आई द्वारा जांच की मांग की।

🚩इससे पूर्व इसी 7 को जुलाई को प्रख्यात वकील श्री ए पी सिंह और श्री मुकेश जैन ने याचिका संख्या CRL MC 2398/2022 की सुनवाई से पूर्व दिल्ली उच्च न्यायालय के बाहर पत्रकारों को बताया था कि आज न्यायपालिका पर लगातार उंगली उठ रही है।

🚩सर्वोच्च न्यायालय और उसके जजों के बारे में पूर्व मुख्य न्यायाधीश और वर्तमान सांसद श्री रंजन गोगोई साहेब खुलासा भी किया था कि सर्वोच्च न्यायालय को आधा दर्जन लोगों के गैंग ने कब्जे में लिया हुआ है जो जजों को फिरौती भी देते है।

🚩किन्तु दारा सेना अध्यक्ष पर कानून का उल्लघंन करके किते जा रहे अत्याचार पर सर्वोच्च न्यायालय के वर्तमान मुख्य न्यायाधीश भी अभी तक चुप रहकर संविधान के प्रति ली सत्य आस्था की शपथ को छोड़ रहे हैं। श्री जैन की‌ दिनांक 15 जुलाई को न्यायाधीश चन्द्रचूड़ साहब ने फिर बुलाया था । 5 लाख का जुर्माना वसूलना है। जबकि सीआरपीसी की धारा 406 के तहत इन जजों को 1 हजार रुपए से कम जुर्माना करने का ही अधिकार भारत सरकार ने दिया है।

🚩इसी के साथ बिग बॉस के सुपर हीरो स्वामी ओम जी और दारा सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुकेश जैन ने जब देश के सामने रंजन गोगोई जी से पहले ही खुलासा करना शुरू किया कि सर्वोच्च न्यायालय आतंकवादियों और देशद्रोहियों का अड्डा बना हुआ है और देश को बताया कि देखों! सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश श्री दीपक मिश्रा जी के समक्ष हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी हत्या करने का षड़यन्त्र रचने वाले खूंखार नक्सली आतंकवादियों और देशद्रोहियों की जमानत याचिका उनकी गिरफ्तारी के 8 घन्टे बाद दोपहर साढ़े 3 बजे लगती है। न्यायमूर्ति श्री दीपक मिश्रा जी की कोर्ट में उस पर तुरन्त 4 बजे सुनवाई होती है और 5 बजे उन देशद्रोहियों को श्री दीपक मिश्रा जी पुलिस की गिरफ्तारी से छोड़ने का आदेश देते है, जो हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को मारने चले थे।

🚩देखों! अमेरीकी सी आई ए की ऐजेन्ट खूंखार नक्सली तीस्ता सीतलवाड़, वहीं जो मोदी जी और अमित शाह के खिलाफ झूठी रिपोर्ट लिखवाने के आरोप में अब जेल में बन्द है, जैसे ही गुजरात उच्च न्यायालय इसकी जमानत याचिका खारिज करता है। इसके वकील श्री कपिल सिब्बल साहेब 1 घन्टे के अन्दर-अन्दर सर्वोच्च न्यायालय पहुंच जाते है।

🚩मुख्य न्यायधीश श्री एच एल दत्तू साहेब न्यायालय में चल रहे मुकदमें की सुनवाई रोककर तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हैं। कपिल सिब्बल साहेब की दलीलों को जज साहेब फोन पर सुनते है और देशद्रोही तीस्ता सीतलवाड़ को जमानत दे देते है।

🚩जजों की आतंकवादियों से साठ गांठ का खुलासा करने का परिणाम यह हुआ कि सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश श्री दीपक मिश्रा ने अपने सगे भतीजे और बालेश्वर के एस पी सुघांशु मिश्रा के साथ साजिश रचकर दारा सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुकेश जैन ओड़िशा में झूठे मुकदमें देकर गिरफ्तार कर लिया। यहीं नहीं इस गैंग ने दिल्ली हवाई अड्डे पर श्री मुकेश जैन की हत्या करने का भी षड़यन्त्र रचा। श्री दीपक मिश्रा जी के साथी वकीलों ने मुकेश जैन की हत्या का षड़यन्त्र रचने के लिये श्री मुकेश जैन के खिलाफ दिल्ली में किये गये कथित व्हाटसअप मैसेज के एक ही कथित अपराध पर 4 मुकदमें दर्ज कराये।

🚩 जबकि मूलाधिकार अनुच्छेद 20.2 के तहत किसी व्यक्ति को एक अपराध के लिये एक से अधिक बार अभियोजित और दण्डित नहीं किया जा सकता। श्री मुकेश जैन को कानून के साथ खिलवाड़ करके साजिशन 14 महीने जेल में रखा गया, ताकि देशद्रोहियों को जमानत देने वाले जजों खिलाफ कोई बोल न सके। श्री मुकेश जैन ने हर एक पेशी पर मजिस्ट्रेटों को बताया कि उसके खिलाफ लगायी साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की धारा 153 ए 153 बी और 295 में सरकार की अनुमति नहीं हैं। जो कि दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 196 के तहत जरूरी है।

🚩किन्तु मजिस्ट्रेट साहेब जानबूझकर ऐसा दिखा रहे थे कि उनके जैसे उन्होंने कानून पढ़ा ही नहीं। मुकेश जैन और उनके हितैषी हिन्दू संगठनों ने जब सर्वोच्च न्यायालय के जजों द्वारा कानून का उल्लंघन करके श्री मुकेश जैन पर किये गये अत्याचार की बातें मीडिया के जरिये सारे देश को बतायी तो आज पूरा देश जजों द्वारा किये जा रहे संविधान के उल्लंघन को समझ गया।

🚩यहां तक कि #सुप्रीम कोठा नाम से सोशल मीडिया पर भी खुलेआम चल रहा है। जो कि गलत है।

🚩प्रेस विज्ञप्ति में श्री जैन की गिरफ्तारी और उन पर 10 लाख रुपए के जुर्माना में किये गये कानून के उल्लंघन की जांच सी बी आई से कराने की मांग की-सुभाष चन्द्र,प्रेस सचिव

🚩आखिर इस देश में हिन्दू धर्म के रक्षकों और हिन्दू संतो पर झूठे केस करके कब तक सताया जाएगा,देश के सभी हिन्दुओ की मांग है कि हिन्दू धर्म के रक्षकों को सताने का काम बंद किया जाए और उनको जल्द से जल्द रिहा किया जाय।

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