देश के अमूल्य विरासतों की रक्षा के लिए सरकार उठाए ठोस कदम- कपिल मिश्रा

23 जनवरी 2019
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🚩किसी भी देश की विरासत वहां की परम्पराएं, वहां की आस्थाएँ होती हैं और उन सबका रक्षण करना देश के मुखिया से लेकर एक आम नागरिक तक सबका नैतिक कर्त्तव्य होता है। भारत जोकि विविधताओं से पूर्ण देश रहा है तो यहाँ के विरासत, यहाँ की संस्कृति भी अपने आप में बहुत ही महत्वपूर्ण रही हैं।
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🚩पिछले दो दिनों से आज़ाद भारत आप सबके सामने विधायक कपिल मिश्रा जी के द्वारा सरकार से किये चार मांगों को रख रहा है | आज आपके सामने हम कपिल मिश्रा ने सरकार से जो तीसरी मांग की है उसे रखने जा रहे हैं | आखिर क्या है कपिल मिश्रा की तीसरी मांग, जानने के लिए पूरी पोस्ट पढ़ें…
🚩विधायक कपिल मिश्रा ने अपनी तीसरी मांग को रखते हुए कहा कि “हमारी एक और प्रमुख मांग है वो ये है कि भारत की जो भी परंपराएं है, आस्थाएं है, इमारते हैं चाहे वो पुरानी बिल्डिंग हो, हमारे पुराने टेक्स्ट हो, हमारे पुराने ग्रंथ हो इन सबका रखवाला आखिर कौन बनेगा ?” भारत की विरासतों की रक्षा करने का जिम्मा आखिर भारत के अलावा दूसरा कौन सा राष्ट्र लेगा, आखिर हम किसे कहें ? हम अपने राष्ट्र से ये कहना चाहते हैं कि भारत के प्रत्येक राज्य का, भारत की सरकार का ये कर्तव्य है कि स्वाभाविक तौर पर भारत राष्ट्रीय व्यवस्था संघ रक्षक होनी ही चाहिये, भारत की पुरानी विरासत की भारत के पुराने धर्म की, भारत के ग्रंथों की, भारत के पुराने टेक्स्ट की ।
🚩दुनिया का हर देश पुरानी विरासत को, इतिहास को, ग्रंथों को संभालता है, संजोता है, आगे बढ़ाता है | तो हम ये मानते है कि जितने भी इंडियन स्टेट हैं उन्हें विरासत में अपनी प्राचीनतम वस्तुओं को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी मिली है और उन्हें किसी भी कीमत पर ये जिम्मेदारी संभालनी पड़ेगी । हमारी इसमें सबसे पहली और क्लियर मांग ये है कि 10,000 करोड़ का फण्ड भारत में अलग से बजट में रखा जाए । भारत के इतिहास, भारत की इमारतों को, भारत के ग्रंथों के संरक्षण और प्रचार-प्रसार के लिये, ये भारत की नैतिक जिम्मेदारी भी है, स्वाभाविक जिम्मेदारी भी है। और कोई भी देश अपनी विरासत के लिये करता ही है । इससे भारत की सरकार मुँह नहीं मोड़ सकती, ये आपको विरासत में मिला है । इसका संरक्षण आपको करना ही होगा । इसके लिये आपको बजट अलग से रखना होगा ।
🚩देश की जनता को भी देश की विरासतों के बारे में जानकारी होनी चाहिए अब उसके लिए आपको ताजमहल के दरवाजे खुलवा कर के उसकी स्टडी करके जनता में आपको रिपोर्ट देनी होगी । ये बात आपके पल्ले क्यों नहीं पड़ रही है कि जिसकी बात पूरी दुनिया कर रही है उसको ही आप ताला लगा कर के बैठे हो और उसके बारे में आप बताने को तैयार नहीं हो । विदेशी बोल रहे हैं कि ताजमहल कुछ और है इसकी जांच होनी चाहिये, लेकिन भारत की सरकार तैयार नहीं है जबकि भारत की सरकार की पहली जिम्मेदारी ये बनती है कि इन सारी इमारतों की स्टडी करवाकर इसकी रिपोर्ट सबके सामने रखनी चाहिये ।
🚩आगे उन्होंने कहा कि हम हिन्दू चार्टर में तीसरी मांग रखते हैं कि Freedom of Religion, protection of Native Culture & Religious Tradition and prohibition of institutialized religious conversion activities ऐसा एक कानून भारत में आना चाहिये । यानी अगर कोई संस्थागत तरीके से धर्मपरिवर्तन का काम कर रहा है तो उस पर बैन लगाना और भारत के संस्कृति संरक्षण की जिम्मेदारी भारत की सरकार को कानून बना कर और अलग से बजट देकर करनी होगी ।
🚩कपिल मिश्रा ने अपने देश की विरासत को, अपने धर्म की रक्षा के लिए सरकार से जो मांगे की हैं वो वास्तव में अमल करने योग्य है | देश की विरासत की रक्षा करना सर्कार का नैतिक कर्तव्य है इसके लिए नये कानून लाने ही चाहिए | कपिल मिश्रा जी की चौथी मांग को जानने के लिए आजाद भारत की आने वाली पोस्ट जरुर पढ़ें, तब तक के लिए जय हिन्द……
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5 thoughts on “देश के अमूल्य विरासतों की रक्षा के लिए सरकार उठाए ठोस कदम- कपिल मिश्रा

  1. सत्य वचन, भारत सरकार को इस विषयमें गम्भीर कदम उठाने ही होंगे।

  2. बहुत अच्छी बात है,अपने देश,संस्कृति व संत की रक्षा हेतु भारत के प्रत्येक नागरिक को तो प्रयास करना ही है,साथ ही देश के अग्रणी नेताओं को भी प्रयास करना है। तभी देश संस्कृति और संत की रक्षा होगी।

  3. किसी भी देश की विरासत वहां की परम्पराएं, वहां की आस्थाएँ होती हैं और उन सबका रक्षण करना देश के मुखिया से लेकर एक आम नागरिक तक सबका नैतिक कर्त्तव्य होता है। भारत जोकि विविधताओं से पूर्ण देश रहा है तो यहाँ के विरासत, यहाँ की संस्कृति भी अपने आप में बहुत ही महत्वपूर्ण रही हैं।

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