दलित महिला को धर्मांतरण के लिए किया प्रताड़ित, मना करने पर बेटी का यौन शोषण

7 सितंबर 2021

azaadbharat.org

🚩भारत में धर्मांतरण का धंधा पुरजोश से चल रहा है और जबसे हिन्दू संत आशाराम बापू जेल गए हैं तबसे तो भारत में ईसाई मिशनरियों ने धर्मांतरण में तेजी ला दी है। कॉंग्रेस सरकार में साधु-संतों को जेल भेजा जा रहा था और उस समय कोई आगे आकर बोलने को तैयार नहीं था ऐसे विकट समय में आशाराम बापू ने ऐसी आंधी चलाई थी कि लाखों हिंदुओं की घर वापसी करवाई थी, करोड़ों लोगों को सनातन धर्म की महिमा समझाई थी जिससे वे कन्वर्ट नहीं हो पाये, कई वैदिक गुरुकुल तक खोल दिए थे।

🚩ईसाई मिशनरी के लोग कितने क्रूर होते हैं- इस घटना से समझ सकते हैं।

झारखंड के गुमला जिले के जामडीह गाँव की एक महिला स्वास्थ्य कार्यकर्त्री ने कुरकुरा थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। शिकायतकर्त्री ने बताया कि कुछ ग्रामीण उसके परिवार के सदस्यों को जबरन ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रताड़ित कर रहे हैं। दलित महिला ने कहा- उन ईसाई ग्रामीणों ने मेरी नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म भी किया, जिससे वह अभी तक सदमे में है।

🚩गुमला पुलिस ने महिला की लिखित शिकायत के आधार पर 30 अगस्त को धारा 323 (जानबूझकर किसी को स्वेच्छा से चोट पहुँचाने के लिए ), 341 (गलत तरीके से रोक लगानेके लिए), 295 (अपमान के इरादे से पूजा स्थल को नुकसान पहुँचाने या अपवित्र करने के लिए ), 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान के लिए), 448 (घर-अतिचार के लिए), 506 (आपराधिक धमकी के लिए), 509 (किसी भी महिला के अपमान के लिए ), झारखंड में धर्म स्वतंत्रता अधिनियम की आईपीसी की धारा 4 (जबरदस्ती धर्मांतरण) और POCSO अधिनियम की धारा 8 (नाबालिग का यौन उत्पीड़न) के तहत प्राथमिकी दर्ज की। यह गाँव गुमला जिला मुख्यालय से लगभग 70 किमी दूर स्थित है, जो वामपंथी उग्रवाद से बुरी तरह प्रभावित है।

🚩पुलिस के सूत्रों ने पुष्टि की कि मामले में एक प्राथमिकी दर्ज की गई है। बताया गया है कि कुरकुरा थाने के प्रभारी अधिकारी मामले की जाँच कर रहे हैं। शिकायतकर्त्री ने अपनी शिकायत में पॉलीना बिलुंग, आकाश डुंगडुंग, निशा, शीला, फूलमनी सुरीन, उर्मिला, संतोषी, जानकी, शीतल राम, गंगी देवी, आकाश डुंगडुंग और सुशीला देवी का नाम लिया है। ये सभी ईसाई धर्म के अनुयायी हैं। महिला ने कहा कि आरोपित 14 अगस्त को उसके घर आए और उसके परिवार से ईसाई धर्म अपनाने के लिए कहा। अनुसूचित जाति की पीड़िता ने उन्हें यह कहते हुए मना कर दिया था कि वह अपने हिन्दू धर्म से खुश है।

इस बात को लेकर उनके बीच कहासुनी हुई, जिससे आरोपित हिंसक हो गए। उन्होंने घर पर अपना धार्मिक झंडा फहराया और उसकी 16 साल की बेटी के साथ यौन शोषण किया। उन्होंने लड़की के कपड़े खींचते हुए कहा कि वे उससे शादी करेंगे और फिर उसे ईसाई बना देंगे। महिला ने कहा कि आरोपितों ने ग्रामीणों को उसके परिवार के खिलाफ भी भड़काया। गुमला ईसाई मिशनरियों का धर्म परिवर्तन का केंद्र रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले साल लॉकडाउन के दौरान ईसाई मिशनरियों ने बड़ी संख्या में लोगों का धर्म परिवर्तन कराया था।

🚩इस घटना से आप समझ सकते हैं कि मिशनरी के आदमी धर्मांतरण करवाने के लिए शाम-दाम, दंड-भेद अपना रहे हैं; कितने क्रूर होते हैं- यह आपने जान लिया। इनका एजेंडा है- भारत में धर्मांतरण करके अपना वोटबैंक बढ़ाना और राज करना, इसलिए देशवासी इनसे सावधान रहें।

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