जनता ने अभी से 14 फरवरी निमित्त मातृ-पितृ पूजन दिवस मनाना किया प्रारंभ

23 जनवरी 2021

 
भारत में वैलेंटाइन डे की गंदगी अपने व्यापार का स्तर बढ़ाने के लिए अंतरराष्ट्रीय कम्पनियां लेकर आई हैं और वो ही कम्पनियां मीडिया में पैसा देकर वैलेंटाइन डे का खूब प्रचार प्रसार करवाती हैं । जिसके कारण उनका व्यापार लाखों नहीं, करोड़ों नहीं, अरबों नहीं लेकिन खरबों में हो जाता है, इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया जनवरी से ही वैलेंटाइन डे यानि पश्चिमी संस्कृति का प्रचार करने लगता है, जिसके कारण विदेशी कम्पनियों के गिफ्ट, गर्भनिरोधक सामग्री, नशीले पदार्थ आदि 10 गुना बिकते हैं और उन्हें खरबों रुपये का फायदा होता है ।
 

 

 
वैलेंटाइन डे से युवाओं का अत्यधिक पतन हो रहा है इसलिए अब तो ऐसा समय आ गया है कि वैलेंटाइन डे की जगह लोगों ने अभी से 14 फरवरी के दिन “मातृ-पितृ पूजन दिवस” निमित्त मातृ-पितृ पूजन कार्यक्रम और सोशल मीडिया पर केम्पेन शुरू कर दिया है ।
 
गौरतलब है कि पिछले 50 वर्षों से सनातन संस्कृति के सेवाकार्यों में रत रहने वाले तथा सनातन संस्कृति की महिमा से विश्व के जन-मानस को परिचित करवाने वाले हिन्दू संत बापू आसारामजी ने जब अपने देश के युवावर्ग को पाश्चत्य अंधानुकरण से चरित्रहीन होते देखा तो उनका हृदय व्यथित हो उठा और उन्होंने साल 2006 से 14 फरवरी को मातृ-पितृ पूजन दिवस शुरू किया। वर्षों से एक नयी दिशा की ओर युवावर्ग को अग्रसर करते हुए एक विश्वव्यापी अभियान चलाया 14 फरवरी मातृ पितृ पूजन दिवस जो आज विश्वव्यापी बन चुका है और करोड़ों लोगों के द्वारा मनाया जा रहा है ।
 
भारत के युवक-युवतियां अगर पाश्चात्य संस्कृति की ओर अग्रसर हुए तो परिणाम भयंकर आने वाला है ।
 
अब युवक-युवतियों का यह कहना होगा कि “क्या हम प्यार न करें, तो उनको एक सलाह है कि दुनिया में आपको सबसे पहले प्यार किया था आपके माँ-बाप ने । आप दुनिया में आने वाले थे, तबसे लेकर आज तक आपको वो प्यार करते रहे लेकिन उनका प्यार तो आप भूल गये उनको ठुकरा दिया । जब आप बोलना भी नहीं जानते थे तब उन्होंने आपका भरण पोषण किया । आपको ऊंचे से ऊँचे स्थान पर पहुँचाने के लिए खुद भूखे रहकर भी आपको उच्च शिक्षा दिलाई । उनका केवल एक ही सपना रहा कि मेरा बेटा या बेटी सबसे अधिक तेजस्वी, ओजस्वी और महान बने । ऐसा अनमोल उनका प्यार आप भुलाकर किसी लड़के-लड़की के चक्कर में आकर अपने माँ-बाप को कितना दुःख दे रहे हैं, उसका अंदाजा भी आप नहीं लगा सकते इसलिए आप यदि स्वयं को बर्बादी से बचाना चाहते हैं, माँ-बाप के प्यार का बदला चुकाना चाहते हैं, तो आपको एक ही सलाह है कि आप मीडिया, टीवी, अखबार पढ़कर वैलेंटाइन डे न मनाकर उस दिन अपने माता-पिता का पूजन करें ।
 
भारतवासी आइए एक नयी दिशा की ओर कदम बढ़ाएं। आओ एक सच्ची दिशा की ओर कदम बढ़ाएं। 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे नहीं माता-पिता की पूजा करके उनका शुभ आशीष पाएं ।
 
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