ईसाई मिशनरियों द्वारा हो रहे धर्मान्तरण पर रोक जरूरी

7 मई 2022

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🚩असम हो या उड़ीसा हो या झाबुआ हो या अन्य वनवासी इलाका भारत में ईसाई मिशनरियों ने धर्मांतरण का कार्य बड़ी तेजी से कर दिया।

🚩तमिलनाडु में तो जबरन हो रहा है धर्मान्तरण

🚩चेन्नई हाईकोर्ट ने तमिलनाडु सरकार से मांगा जवाब सरकारी स्कूलों में जबरन धर्म परिवर्तन क्यों किया जा रहा है???

🚩तमिलनाडु की ही एक ओर घटना में, तिरुवन्नामलाई में एक 13 वर्षीय आदिवासी लड़की का कुछ महीने पहले एक ईसाई पादरी ने उसके गाँव से अपहरण कर धर्मपरिवर्तन करा लिया था।

🚩ईसाई पादरी गाँव के बच्चों को कोचिंग पढ़ाने के नाम पर गाँव में ही उनका धर्मपरिवर्तन करते थे।

🚩कोचिंग में गाँव के बच्चों को धर्म-परिवर्तन के लिए बहलाया जा रहा था। गाँव वालों को इसकी जानकरी हुई तो उन्होंने बच्चों को कोचिंग जाने से रोक दिया मगर ईसाई पादरी एक 13 साल की आदिवासी लड़की का ब्रेनवॉश करके उसे अपने साथ ले जाने में कामयाब रहा,कुछ समय बाद लड़की को पादरी कल के घर से बरामद किया गया।

🚩महिला कैदियों के बच्चों की शैक्षिक स्थिति पर किए गए एक अध्ययन में, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग(NCPCR) ने पाया कि बाल सुधार गृहों, छात्रावासों और जेलों में ईसाई न होने पर भी बच्चों को बाइबिल पढ़ाई जा रही है।

🚩ईसाई मिशनरियों का लक्ष्य है कि हिन्दुओ को 2050 तक 95% तक ईसाई बनाना।

🚩ओक्लाहोमा शहर के ईसाई बिज़नेसमैन मार्ट ग्रीन साल 2033 तक दुनिया की हर भाषा में बाइबिल के अनुवाद की एक महत्वाकांक्षी योजना पर काम कर रहे है। उनकी योजना वर्ष 2050 तक दुनिया की 95% आबादी के हाथों में बाइबिल देने की है।

🚩मार्ट ग्रीन ने अपने अभियान के लिए सभी प्रमुख बाइबिल अनुवाद संगठनों के साथ मिल कर ‘आई वांट टू नो’ (मैं जानना चाहता हूँ) बाइबिल के अनुवाद का मिशन चला रहे हैं।

🚩इस मिशन के तहत वो अमेरिकन बाइबिल सोसाइटी, बाइबिलिका, डेफ बाइबिल सोसाइटी, लूथरन बाइबिल ट्रांसलेटर्स, पायनियर बाइबिल ट्रांसलेटर्स, सीड कंपनी, एसआईएल इंटरनेशनल, यूनाइटेड बाइबिल सोसाइटीज, द वर्ड फॉर द वर्ल्ड और वाईक्लिफ बाइबिल ट्रांसलेटर्स यूएसए के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।

🚩इस मिशन का लक्ष्य लगभग सभी 3800 भाषाओं में बाइबिल का अनुवाद करना है।

🚩जॉन से लेकर मदर टेरेसा तक चलता रहा ‘धंधा’
कहने को तो ईसा मसीह के सूली चढ़ने के बाद ही उनका संदेश को लेकर उनके शिष्य थॉमस भारत आ गए थे, लेकिन धर्मांतरण का खेल सही मायनों में वर्ष 1542 में भारत में रोमन कैथोलिक चर्च की स्‍थापना के साथ ही शुरू हुआ।

🚩इसी चर्च से जुड़ी मिशनरीज ने सबसे पहले भारत के गरीब हिन्दू और आदिवासियों की अशिक्षा और गरीबी को देखते हुए उन्हें धन का लालच देकर ईसाई बनाया था।

🚩अंग्रेजों के जाने के बाद कॉंग्रेस की सरपरस्ती में मदर टेरेसा ने देशभर में व्यापक रूप से लोगों को ईसाई बनाया। मिशनरीज ऑफ चैरिटी बनाकर उन्होंने मानवता की आड़ जमकर गरीब हिंदुओं का धर्मपरिवर्तन कराया। आज ईसाई मिशनरियों के कारण भारत के कई राज्यों के आदिवासी और पिछड़े क्षेत्रों में तनाव की स्थि‍ति बन गई है।

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