02 जनवरी 2021
azaadbharat.org
🚩इलेक्ट्रॉनिक मीडिया हो अथवा प्रिंट मीडिया उसपर कई बुद्धिजीवी लोगों ने आरोप लगाया है कि कोई पेड खबर चलाने के जितने पैसे लेते हैं उससे ज्यादा पैसे कोई खास खबर छुपाने के पैसे भी लेते हैं।
🚩अक्सर देखा गया है कि जभी किसी साधु-संत पर षड्यंत्र के तहत कोई झूठा आरोप भी लगता है तो मीडिया महीनों तक प्राइम टाइम में ब्रेकिंग न्यूज़ व डिबेट चलाती है, उदाहरण के लिए- शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वतीजी और संत आशारामजी बापू; उनके खिलाफ कई महीनों तक झूठी खबरें दिखाई, अन्य और भी साधु/संतों के प्रति ऐसे ही खबर चलाते हैं लेकिन किसी पादरी अथवा मौलवी पर अपराध सिद्ध भी हो जाये तो भी कोई खबर नहीं दिखाई जाती है। इससे साफ होता है कि मीडिया झूठी खबरें चलाने व कई वास्तविक खबरें छुपाने के भी पैसे लेती होगी।
🚩इस खबर पर मीडिया मौन रही…
👉मुंबई के उपनगरीय क्षेत्र दादर में 2015 में 13 साल के बच्चे का यौन उत्पीड़न करने के दोषी पादरी को विशेष अदालत ने बुधवार को उम्रकैद की सजा सुनाई।
👉विशेष न्यायाधीश सीमा जाधव ने आरोपी पादरी जॉनसन लॉरेंस को यौन अपराध से बच्चों की सुरक्षा (पॉक्सो) कानून के संबंधित प्रावधानों के तहत दोषी पाया। अभियोजन पक्ष के अनुसार, अगस्त से नवंबर 2015 के बीच पादरी ने दो बार नाबालिग बच्चे का यौन उत्पीड़न किया।
👉पुलिस को दिए गए बयान में किशोर ने बताया कि वह 27 नवंबर, 2015 को अपने भाई के साथ दादर के शिवाजी नगर इलाके में स्थित चर्च गया था। प्रार्थना के बाद आरोपी ने एक बक्सा रखने के लिए पीड़ित को अंदर बुलाया और दरवाजा बंद करके उसका यौन उत्पीड़न किया।
👉बच्चे ने आरोप लगाया कि पादरी ने कुछ महीने पहले भी उसके साथ ऐसा ही किया था। पीड़ित बच्चे ने मजिस्ट्रेट के समक्ष भी यही बयान दिया। विशेष लोक अभियोजक वीणा शेलार ने बताया कि इस मुकदमे में कम से कम नौ लोगों की गवाही हुई।
Mumbai | A Special POCSO court has convicted a Catholic priest and has sentenced him to life imprisonment for sodomising a 13-year-old boy in 2015.
— ANI (@ANI) December 30, 2021
🚩सेक्युलर, बुद्धिजीवी और मीडिया के अधिकांश हिस्से हिन्दू धर्म के पवित्र मंदिरों, आश्रमों व साधु-संतों पर षड्यंत्र के तहत कोई आरोप भी लगा दे तो खूब बदनाम करते हैं, परंतु दुनियाभर में पादरी बच्चों का शोषण करते हैं फिर भी इन ईसाई पादरियों के दुष्कर्मों पर चुप रहते हैं। क्या उन्हें वेटिकन सिटी से भारी फंडिंग मिलती है?
🚩भारत में साधु-संत देश, समाज और संस्कृति के उत्थान के लिए कार्य कर रहे हैं। उनको साजिश के तहत झूठे केस में जेल भेजा जाता है और मीडिया द्वारा पेड न्यूज एवं डिबेट दिखाकर तथा “आश्रम” जैसी फिल्में बनाकर उनको बदनाम किया जाता है। वहीं दूसरी ओर कई मौलवी व ईसाई पादरी मासूम बच्चे-बच्चियों और ननों के साथ रेप करते हैं, उनकी जिंदगी तबाह कर देते हैं फिर भी बिकाऊ मीडिया और प्रकाश झा जैसे बिकाऊ निर्देशक इसको देखकर आँखों पर पट्टी बांध लेते हैं क्योंकि इनको पवित्र हिन्दू साधु-संतों को बदनाम करने के पैसे मिलते है और हिंदू सहिष्णु हैं तो इन षड्यंत्रों को सहन कर लेते हैं।
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