आचार्य बालकृष्ण ने 7 साल पहले बोला था, पर बाबा रामदेव ने ध्यान नहीं दिया

26 मई 2021

azaadbharat.org

🚩योग गुरु बाबा रामदेव ने एलोपैथी दवाई के साइड इफेक्ट के बारे में जबसे बोला है तबसे विवाद छिड़ गया है और उनके ऊपर एफआईआर करके जेल भेजने की मांग की जा रही है।

इस विवाद पर आचार्य बालकृष्ण ने ट्वीट करके बताया कि पूरे देश को Christianity में convert करने के षड्यंत्र के तहत बाबा रामदेव जी को target करके योग एवं आयुर्वेद को बदनाम किया जा रहा है। देशवासियों, अब तो गहरी नींद से जागो, नहीं तो आने वाली पीढ़ियां तुम्हें माफ नहीं करेंगी🙏
https://twitter.com/Ach_Balkrishna/status/1396730933508673536?s=19

🚩सात साल पहले क्या बताया था…?

आचार्य बालकृष्ण ने 2013 में जब हिंदू संत आशाराम बापू पर आरोप लगे थे तब बताया था कि भारतीय संस्कृति के प्रति निष्ठा रखने वाले हैं, वे समझते हैं कि सच्चाई क्या है, संत श्री आशारामजी बापू के विरुद्ध में षड्यंत्र कितना है। हमें भी सच्चाई और षड्यंत्र को समझने का प्रयास करना चाहिए। आसुरी शक्तियाँ विभिन्न तरह के षड्यंत्र करती हैं। इसके लिए जरूरी है कि हम संगठनात्मक रूप से एक हों और सनातन वैदिक हिन्दू परम्परा से जुड़ी संस्थाएँ और साधु-महात्मा सब एकजुट होकर षड्यंत्र के विरुद्ध में मैदान में उतरें और उसका काट करें।

🚩जो साधु-संत हैं वे तो कभी भी समाज के अहित का नहीं सोचते हैं परन्तु जब वे समाज का हित करते हैं तो बहुत सारे ऐसे तत्व हैं जिनको वह रास नहीं आता है।आसुरी शक्तियाँ विभिन्न तरह के षड्यंत्र करती हैं। इसके लिए जरूरी है कि हम संगठनात्मक रूप से एक हों। इसलिए आज समय आ गया है कि हम सभी सुनियोजित ढंग से इनको चुनौती देते हुये इस दुष्प्रचार की काट करें ।

🚩आपको बता दें कि जब बाबा रामदेव के खिलाफ मीडिया दुष्प्रचार कर रही थी तब आशाराम बापू ने उनका पक्ष लेकर मीडिया को फटकार लगाई थी और बोले थे कि बाबा रामदेव पर झूठे आरोप लगाकर बदनाम किया जा रहा है।

🚩जब रामलीला मैदान में बाबा रामदेव पर लाठी चार्ज किया गया था तब बाबा रामदेव का समर्थन किया और आशारामजी बापू ने खुल्लेआम बोला था “सोनिया भारत छोड़ो”

🚩इतना ही नहीं जब साध्वी प्रज्ञा को झूठे केस में जेल के अंदर किया गया था और उनको किसी से मिलने नहीं दे रहे थे तब आशारामजी बापू ने तत्कालीन सरकार को चेतावनी दी और साध्वी से मिलकर आये थे तथा सांत्वना दी थी और निर्दोष बरी होंगे ऐसा बताकर आये थे। मोरारी बापू पर भी जब झूठे आरोप लगे थे तब आशारामजी बापू ने उनका समर्थन किया था और मीडिया को एक्सपोज किया था।

🚩बता दे कि 2004 में जब शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती जी को झूठे केस में जेल के अंदर किया था तब आशारामजी बापू जंतर-मंतर पर धरने पर बैठ गए थे, उसके बाद सरकार को रिहा करना पड़ा।

🚩आपको बता दें कि जब भी किसी साधु-संत पर आफत आती तब हिंदू संत आशाराम बापू चट्टान की तरह आगे आकर खड़े हो जाते थे, उनके करोड़ों फॉलोअर्स भी उनके समर्थन में खड़े हो जाते थे जिसके कारण सरकार व मीडिया तिलमिला जाती थी। आशारामजी बापू को जेल भेजने का एक कारण ये भी है लेकिन आज बड़ी शर्म की बात है- जिन साधु-संतों व हिंदू संस्कृति और राष्ट्र की सुरक्षा के लिए अपना जीवन न्यौछावर कर दिया उनके पक्ष में आज एक भी साधु-संत नहीं बोल रहे हैं, बाबा रामदेव ने तो बिल्कुल चुप्पी ही साध ली है।

🚩आपको बता दें कि आशाराम बापू ने आदिवासियों में जाकर सनातन धर्म का प्रचार किया उन्होंने सत्संग के द्वारा देश व समाज को नोचने-तोड़नेवाली ताकतों से देशवासियों को बचाया। धर्मांतरित लाखों हिंदुओं की घर वापसी करवाई। करोड़ों लोगों को धर्मान्तरण से बचाया। आदिवासी क्षेत्रों में जहाँ खाने को नहीं वहाँ ‘भोजन करो, भजन करो, दक्षिणा पाओ’ गरीबों में राशन कार्ड के द्वारा अनाज का वितरण, कपड़े, बर्तन व जीवन उपयोगी सामग्री एवं मकान आदि का वितरण किया जाता है जिससे ईसाई मिशनरियां पीछे पड़ गईं और आखिर उनपर झूठे आरोप लगाए गए, मीडिया में बदनाम करवाया गया और आखिर जेल भेजवाया गया।

🚩बता दें कि सात साल पहले आचार्य बालकृष्ण ने बताया था कि बापू आशारामजी पर बड़ा षड्यंत्र किया जा रहा है, सब साधु-संतों को साथ देना चाहिए लेकिन बाबा रामदेव भी समर्थन में नहीं आये, जबकि जो आज आर्युवेद का प्रचार रामदेव कर रहे हैं वे प्रचार उनसे कई वर्षों पहले बापू आशारामजी ने गांव-गांव, शहर-शहर जाकर किया था।

🚩अभी समय आ गया है कि सभी साधु-संत व हिन्दू जनता एक होकर जो भी साधु-संत पर षड्यंत्र हो रहे हैं उसका डटकर मुकाबला करें और उन्हें षड्यंत्र से मुक्त करवाएं।

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