भारत में जनसंख्या 150 करोड़ पार कर गई, जनसंख्या नियंत्रण अध्यादेश की उठी मांग!

10 जुलाई 2020

 
🚩वर्तमान में अगर आंकडों को देखा जाए तो विश्व की जनसंख्या लगभग 780 करोड हैं। वर्तमान में भारत की जनसंख्या 138 करोड है यानि पूरे विश्व की जनसंख्या के लगभग 18 प्रतिशत जनसंख्या भारत में रहती है। ये बेहद तेजी से बढती जा रही है । आबादी बढने से स्वास्थ्य, शिक्षा व अन्य जरूरी संसाधनों में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। यदि ऐसे ही गती से जनसंख्या बढती रही तो देश की स्थिति और विकट हो सकती है।
 
🚩हर दिन हर पल बढ़ रहे जनसंख्या के दबाव को हर साल महसूस करने के लिए मनाया जाता है विश्व जनसंख्या दिवस । आने वाली 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस है, इस दिन को मनाने के पीछे कारण, हर सेकंड बढ़ रही आबादी के मुद्दे पर लोगों का ध्यान खींचना है। इस दिन की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) की शासी परिषद द्वारा पहली बार 1989 में तब हुई जब आबादी का आंकड़ा करीब 500 करोड के आस-पास पहुंच गया था । संयुक्त राष्ट्र की गवर्निंग काउंसिल के फैसले के अनुसार, वर्ष 1989 में विकास कार्यक्रम में, विश्व स्तर पर समुदाय की सिफारिश के द्वारा यह तय किया गया कि हर साल 11 जुलाई विश्व जनसंख्या दिवस के रूप में मनाया जाएगा ।
 
🚩भारत में आज एक बड़ी समस्या बढ़ती जनसंख्या है तथा पिछले कुछ वर्षों में काफी तेजी से भारत में जनसंख्या बढ़ी है । भारत में जनसंख्या के विस्फोट को रोकने के लिए अगर अब अभी कठोर जनसंख्या नियंत्रण कानून नहीं बना तो यह आने वाले कुछ सालों में देश की आबादी 200 करोड़ के पार होगी । इसलिए जरूरी है कि इस पर सख्त कानून बनाया जाए ।
 
🚩बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय द्वारा किए गए प्रयास
 
🚩देश में तेजी से बढ़ रही जनसंख्या पर सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता और बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय (Ashwini Upadhyay) ने चिंता व्यक्त की है । इसके लिए उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है, जिसमें उपाध्याय ने एक कठोर और प्रभावी जनसंख्या नियंत्रण कानून (Population control Law) बनाने की मांग की है । उपाध्याय का कहाना है कि भारत की जनसंख्या सवा सौ करोड़ नहीं बल्कि डेढ़ सौ करोड़ है । अपने पत्र में उपाध्याय लिखते हैं…
 
🚩वर्तमान समय में सवा सौ करोड़ भारतीयों के पास आधार है, लगभग 20% अर्थात 25 करोड़ नागरिक (विशेष रूप से बूढ़े और बच्चे) बिना आधार के हैं। इसके अतिरिक्त लगभग पांच करोड़ बंगलादेशी और रोहिंग्या घुसपैठिये अवैध रूप से भारत में रहते हैं । इससे स्पष्ट है कि हमारे देश की जनसंख्या सवा सौ करोड़ नहीं बल्कि डेढ़ सौ करोड़ से ज्यादा है और हम चीन से बहुत आगे निकल चुके हैं ।
 
🚩यदि संसाधनों की बात करें तो हमारे पास कृषि योग्य भूमि दुनिया की लगभग 2% है, पीने योग्य पानी लगभग 4% है, और जनसंख्या दुनिया की 20% है । चीन का क्षेत्रफल 95,96,960 वर्ग किमी और अमेरिका का क्षेत्रफल 95,25,067 वर्ग किमी है जबकि भारत का क्षेत्रफल 32,87,263 वर्ग किमी है अर्थात हमारा क्षेत्रफल चीन और अमेरिका के क्षेत्रफल का लगभग एक तिहाई है लेकिन प्रतिदिन जनसंख्या वृद्धि की दर चीन से डेढ़ गुना है और अमेरिका से छह गुना ज्यादा है । इस वर्ष नए वर्ष पर अमेरिका में बच्चे चीन में बच्चे और भारत में बच्चे पैदा हुए थे ।
 
🚩जल, जंगल, जमीन की समस्या, रोटी कपड़ा मकान की समस्या, चोरी लूट झपटमारी की समस्या, ट्रैफिक जाम व पार्किग की समस्या, बलात्कार व व्याभिचार की समस्या, आवास व कृषि विकास की समस्या, दूध दही घी में मिलावट की समस्या, फल सब्जी में रसायन की समस्या, रोड एक्सीडेंट व रोड रेज की समस्या, बढ़ती हिंसा व आत्महत्या की समस्या, अलगाववाद व कट्टरवाद की समस्या, आतंकवाद व नक्सलवाद की समस्या, सड़क रेल व जेल में भीड़ की समस्या, मुकदमों के बढ़ते अंबार की समस्या, अनाज की कमी व भुखमरी की समस्या, गरीबी बेरोजगारी व कुपोषण की समस्या, वायु जल मृदा व ध्वनि प्रदूषण की समस्या, कार्बन वृद्धि व ग्लोबल वार्मिग की समस्या, अर्थव्यवस्था के धीमी रफ्तार की समस्या व थाना तहसील हॉस्पिटल और स्कूल में भीड़ की समस्या का मूल कारण जनसंख्या विस्फोट है। चोर-लुटेरे, झपटमार, जहरखुरानी करने वालों, बलात्कारियों और भाड़े के हत्यारों पर सर्वे करने से पता चलता है कि 80% से अधिक अपराधी ऐसे हैं जिनके माँ-बाप ने “हम दो- हमारे दो” नियम का पालन नहीं किया । इन तथ्यों से स्पष्ट है कि भारत की 50% से अधिक समस्याओं का मूल कारण जनसंख्या विस्फोट ही है ।
 
🚩अंतराष्ट्रीय रैंकिंग में भारत की दयनीय स्थिति का मुख्य कारण भी जनसंख्या विस्फोट है । ग्लोबल हंगर इंडेक्स में हम 103वें स्थान पर, साक्षरता दर में 168वें स्थान पर, वर्ल्ड हैपिनेस इंडेक्स में 140वें स्थान पर, ह्यूमन डेवलपमेंट इंडेक्स में 130वें स्थान पर, सोशल प्रोग्रेस इंडेक्स में 53वें स्थान पर, यूथ डेवलपमेंट इंडेक्स में 134वें स्थान पर, होमलेस इंडेक्स में 8वें स्थान पर, लिंग असमानता इंडेक्स में 76वें स्थान पर, न्यूनतम वेतन में 64वें स्थान पर, रोजगार दर में 42वें स्थान पर, क्वालिटी ऑफ़ लाइफ इंडेक्स में 43वें स्थान पर, फाइनेंसियल डेवलपमेंट इंडेक्स में 51वें स्थान पर, करप्शन परसेप्शन इंडेक्स में 80वें स्थान पर, रूल ऑफ़ लॉ इंडेक्स में 68वें स्थान पर, एनवायरमेंट परफॉरमेंस इंडेक्स में 177वें स्थान पर तथा जीडीपी पर कैपिटा में 139वें स्थान पर हैं लेकिन जमीन से पानी निकालने के मामले में पहले स्थान पर हैं जबकि हमारे पास पीने योग्य पानी मात्र 4% है ।
 
🚩प्रत्येक वर्ष 5 जून को हम विश्व पर्यावरण दिवस और 2 दिसंबर को राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस मनाते हैं, पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण के लिए पिछले पांच वर्ष में विशेष प्रयास भी किया गया लेकिन आंकड़े बताते हैं कि वायु, जल, ध्वनि और मृदा प्रदूषण की समस्या कम नहीं हो रही है और इसका मूल कारण जनसंख्या विस्फोट है । जनसंख्या विस्फोट के कारण वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, मृदा प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण बढ़ता जा रहा है इसलिए चीन की तर्ज पर एक कठोर और प्रभावी जनसंख्या नियंत्रण कानून के बिना स्वच्छ भारत और स्वस्थ भारत अभियान का सफल होना मुश्किल है ।
 
🚩अब तक 125 बार संविधान संशोधन हो चुका है, 3 बार सुप्रीम कोर्ट का फैसला भी बदला जा चुका है, सैकड़ों नए कानून बनाये गए लेकिन देश के लिए सबसे ज्यादा जरुरी जनसंख्या नियंत्रण कानून नहीं बनाया गया, जबकि ‘हम दो-हमारे दो’ कानून से भारत की 50% समस्याओं का समाधान हो जाएगा ।
 
🚩सभी राजनीतिक दलों के नेता सांसद और विधायक, बुद्धिजीवी, समाजशास्त्री, पर्यावारणविद, शिक्षाविद, न्यायविद, विचारक और पत्रकार इस बात से सहमत हैं कि देश की 50% से ज्यादा समस्याओं का मूल कारण जनसंख्या विस्फोट है । टैक्स देने वाले ‘हम दो-हमारे दो’ नियम का पालन करते हैं लेकिन मुफ्त में रोटी कपड़ा मकान लेने वाले जनसंख्या विस्फोट कर रहे हैं ।
 
🚩जब तक 2 करोड़ बेघरों को घर दिया जायेगा तब तक 10 करोड़ बेघर और पैदा हो जायेंगे इसलिए एक नया कानून ड्राफ्ट करने में समय खराब करने की बजाय चीन के जनसंख्या नियंत्रण कानून में ही आवश्यक संशोधन कर उसे संसद में पेश करना चाहिए । कानून मजबूत और प्रभावी होना चाहिये और जो व्यक्ति इस कानून का उल्लंघन करे उसका राशन कार्ड, वोटर कार्ड, आधार कार्ड, बैंक खाता, बिजली कनेक्शन और मोबाइल कनेक्शन बंद करना चाहिए । इसके साथ ही कानून तोड़ने वालों पर सरकारी नौकरी और चुनाव लड़ने तथा पार्टी पदाधिकारी बनने पर आजीवन प्रतिबंध लगाना चाहिए । ऐसे लोगों को सरकारी स्कूल हॉस्पिटल सहित अन्य सरकारी सुविधाओं से वंचित करना चाहिये और 10 साल के लिए जेल भेजना चाहिए ।
 
🚩भारत में जनसंख्या नियंत्रण कानून तुरंत लागू करने की मांग को लेकर ट्रेंड हुआ
 
🚩11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस है, इस अवसर पर देश में प्रभावी जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू करने की मांग को लेकर गुरुवार को ट्विटर पर #PopulationControlLaw तथा #जनसंख्या_नियंत्रण_अध्यादेश ऐसे दो हॅशटॅग ट्रेंड हुए दिखाई दिए । सुबह यह दोनो ट्रेंड क्रमश: तीसरे एवं दुसरे स्थान पर थे । इस ट्रेंड में नागरिकों ने भारत सरकार को बहुमत के साथ जनसंख्या नीति पर प्रस्ताव पारित कर उसके आधार पर कठोर व प्रभावी जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने की मांग की है । साथ ही यह कानून सभी धर्मियों को लागू करना चाहिए, ऐसी भी मांग की।
 
🚩भारत मे हिंदू ज्यादा बच्चें पैदा नही कर रहे है, मुस्लिम अपनी जनसंख्या बढ़ाने में तेजी से लगे है , रिपोर्ट के अनुसार अगर ऐसे ही वे जनसंख्या बढ़ाते रहे तो एकदिन हिंदू अल्पसंख्यक हो जाएंगे और मुस्लिम बहुसंख्यक फिर पाकिस्तान और बांग्लादेश से भी बुरी हालत भारत मे हिदुओं की होगी इसलिए जनसंख्या नियंत्रण कानून लाना अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
 
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