22 जनवरी 2021
मदरसों को मयखाने में तब्दील करते मौलाना, ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि मदरसों में बच्चों के साथ बलात्कार, शोषण, भगा ले जाने की खबरें अब आम होती जा रहीं हैं। कुछ मदरसों में मौलाना शिक्षा से ज्यादा अपने शौक पूरे कर रहें हैं और मासूम बच्चें इनका शिकार हो रहें हैं। ऐसी ही एक खबर बिहार से सामने आयी है जहां मस्जिद में पढ़ाने वाला एक मौलाना नाबालिग छात्रा को लेकर फरार हो गया है।
पवित्र हिंदू साधु-संतों पर कोई साजिश के तहत झूठे आरोप भी लगा दे तो मीडिया 24 घण्टे चिल्लाने लगती है पर मौलवी और ईसाई पादरियों के दुष्कर्मों पर मौन धारण कर लेती हैं।
दरअसल बिहार के बक्सर के धनसोई में मस्जिद में पढ़ाने वाला एक मौलाना अपनी ही नाबालिग छात्रा को लेकर फरार हो गया। यह शातिर मौलाना कई लड़कियों के साथ गंदा काम कर चुका है। नाबालिग को भगा ले जाने वाले मौलाना का नाम शाहीद अंसारी है और वो दो बच्चों का पिता है। पुलिस ने छापेमारी कर मौलाना को गिरफ्तार कर लिया है।
45 साल का है मौलाना,14 की नाबालिग
बता दें कि मौलाना की उम्र 45 साल है और दो बच्चों का पिता भी है फिर भी कुकर्म करने में पीछे नहीं है क्यो कि जिस नबालिग को भगा के ले गया उसकी उम्र 14 वर्ष है जो कि उसके बच्चों से भी छोटी है। बता दें कि मौलाना इटाढ़ी का रहने वाला है और वहीं की मस्जिद में उर्दू पढ़ाता था, इस दौरान गांव की कई लड़कियां उसके पास पढ़ाई करने के लिए जाती थी। वह कई लड़कियों के साथ भी गंदा काम कर चुका है, लेकिन किसी ने उसके खिलाफ शिकायत दर्ज नहीं कराई थी।
छापेमारी के दौरान गिरफ्तार हुआ मौलाना
बता दें कि छात्रा मस्जिद में पढ़ाई करने गई थी पर पढ़ने के बाद वापस नहीं लौटी तो परिजन परेशान हो गए। बता दें कि मौलाना पर लोग पहले से ही शक करते थे, क्योंकि उसकी हरकतों से बच्चे परेशान रहते थे। जिसके बाद छात्रा के पिता ने धनसोई थाना में मौलाना शाहिद अंसारी के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज कराया था जिसके बाद पुलिस ने छापेमारी कर मौलाना को गिरफ्तार कर लिया है।
देश में आये दिन मदरसों से ऐसी घटनाओं का आना कहीं न कहीं मदरसों में बच्चों की सुरक्षा पर सवाल खड़ा करता है । अब सरकार को ऐसे मदरसों और मौलानाओं पर खास ध्यान देने की आवश्यकता है। या तो छात्रों को स्कूलों की ओर ले जाये या मदरसों को अपने अधीन ले लें।
भारत में साधु-संत देश, समाज और संस्कृति के उत्थान के लिए कार्य कर रहे हैं उनको साजिश के तहत बदनाम किया जाता है, झूठे केस में जेल भेजा जाता है और मीडिया द्वारा तथा “आश्रम” जैसी फिल्में बनाकर उनको बदनाम किया जाता है। वहीं दूसरी ओर जो मौलवी व ईसाई पादरी मासूम बच्चे-बच्चियों और ननों के साथ रेप करते हैं उनकी जिंदगी तबाह कर देते हैं फिर भी मीडिया, प्रकाश झा जैसे बिकाऊ निर्देशक इसको देखकर आँखों पर पट्टी बांध लेते हैं क्योंकि इनको पवित्र हिन्दू साधु-संतो को बदनाम करने के पैसे मिलते है और हिंदू सहिष्णु हैं।
कुछ सेक्युलर हिंदू भी बिकाऊ मीडिया की बात में आकर अपने ही धर्मगुरुओं को बदनाम करने लग जाते है जैस उन्होंने खुद गलत करते देखा हो, मीडिया की बात को सच मानेंगे लेकिन उनके मठ-मंदिर-आश्रम में जाकर वास्तविकता नहीं जानेंगे कि उन साधु-संतों ने कितनी मेहनत करके सनातन संस्कृति को जीवित रखने का कार्य किया है और कर रहे हैं, अब समय आ गया है अपने साधु-संतों पर हो रहे षड्यंत्र का पर्दाफाश करके उनको सहयोग करें।
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